रायपुर/कोरबा/रायगढ़ – छत्तीसगढ़ में अवैध उगाही को लेकर राज्य के उद्योगपतियों और कारोबारियों की स्थिति लगातार खराब हो रही है | हालत यह हो गई है कि कारोबारी अपने कारखानों की चाबी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौपने की तैयारी कर रहे है | ताकि गब्बर सिंह से वे खुद निपट सके | दरअसल राज्य के पांच बड़े माइनिंग उत्पादक जिलों कोरबा , रायगढ़ , जांजगीर चांपा , सूरजपुर और अंबिकापुर में कोयले की माइनिंग और परिवहन करने वाले कारोबारियों पर गुंडा टेक्स लगा दिया गया है | प्रत्येक कारोबारी और उद्योगपतियों से कोयले की माइनिंग और परिवहन पर 25 रूपये प्रति टन की अवैध वसूली हो रही है | दिलचस्प बात यह है कि इस अवैध वसूली में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी भी सहभागी बन गए है | लिहाजा उनकी कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लग रहा है | इस खबर की सत्यता की पुष्टि के लिए समाचार में निर्दिष्ट पांचों जिलों के कारोबारियों , उद्योगपतियों और कोयला परिवहन से जुड़े व्यवसायियों से 25 रूपये टन गब्बर टेक्स के बारे में जानकारी ली जा सकती है |
बताया जाता है कि इससे पूर्व कभी भी कोयले के परिवहन के लिए “पिट पास” की आवयश्कता नहीं होती थी , क्योकि SECL से तमाम औपचारिकताओं के बाद कोयला सीधे उद्योगपतियों और कारोबारियों तक पहुंच जाता था | लेकिन अब राज्य के माइनिंग विभाग और जिला कलेक्टर का इसमें हस्ताक्षेप शुरू हो गया है | कोयला का परिवहन करने वाले तमाम ट्रकों और हाइवा को रोककर ड्राइवरों से कोयले के परिवहन के लिए “पिट पास” की मांग की जा रही है | “पिट पास” नहीं होने पर ट्रक की जब्ती और कोयले के अवैध परिवहन का आरोप लगाकर कारोबारियों को परेशान करना शुरू कर दिया गया है | इस नई व्यवस्था से जूझ रहे कारोबारियों को साफ़ कर दिया गया है कि 25 रूपये प्रति टन के नगद भुगतान के बाद ही उन्हें “पिट पास” जारी किया जायेगा | गंभीर बात यह है कि इस तरह के “पिट पास” जारी करने को लेकर माइनिंग विभाग तक के पास कोई वैधानिक आर्डर नहीं है | ना ही इस नियम का छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई नोटिफिकेशन किया है | ऐसे में कारोबारियों से प्रति टन 25 रूपये की वसूली करना अवैध उगाही और गुंडा टेक्स के रूप में नजर आ रहा है |
बताया जाता है कि इन पांचो जिलों में इस अवैध कारोबार को फलने फूलने के लिए अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारीयों को सहभागी बनाया गया है | ये अफसर अपने कार्यालयों में कारोबारियों और उद्योगपतियों को बुलाकर धमका रहे है ताकि अवैध उगाही और निर्धारित रकम का भुगतान सुनिश्चित हो सके | अवैध उगाही से इंकार करने वाले कारोबारियों को उनका व्यवसाय ठप करने या फिर कारखानों में ताला लगाने की चेतावनी दी जा रही है | जानकारी के मुताबिक इन पांचो जिलों में गब्बर सिंह के दो कलेक्शन एजेंट सूर्यकान्त-हेमंत नामक दो शख्स इधर से उधर हो रहे है | वे गब्बर सिंह का महिमा मंडन कर 25 रूपये टन ना देने वालों का व्यापार चौपट करने की खुली धमकियां दे रहे है | बताया जाता है कि गब्बर का खौफ इतना जबरदस्त है कि रायपुर से लेकर दिल्ली तक लोग कांप उठते है |
कांग्रेस राज में इस अवैध उगाही के मामले जब लोगों के संज्ञान में आए , तो उन्हें एका एक यकीन नहीं हुआ | बताया जाता है कि कारोबारियों और उद्योगपतियों को प्रथम दृष्टया अवैध उगाही का यह मामला यूपी बिहार के किसी गैंगस्टर का कारनामा नजर आया | लेकिन जब अखिल भारतीय सेवा से जुड़े अफसरों ने उन्हें फरमान सुनाया तब कही जाकर उनकी समझ में आया कि गैंगस्टर कोई अंतर्राज्यीय नहीं बल्कि खाटी छत्तीसगढ़िया ही है |
यह भी बताया जा रहा है कि इस अवैध कारोबार का संचालन रायपुर से “AT” नामक शख्स कर रहा है | बताया जाता है कि “AT” के निर्देश और हरी झंडी मिलने के बाद ही “पिट पास” जारी किये जाते है | राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारे में गब्बर के प्रभाव के कारण पीड़ितों की गुहार ना तो पुलिस सुन रही है और न ही इलाके के जनप्रतिनिधि | जनप्रतिनिधियों ने तो इस अवैध उगाही को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए है | उनका भी साफ़ मानना है कि गब्बर के खौफ से उन्हें सिर्फ गब्बर ही बचा सकता है , वे नहीं |
उधर इन पांचो जिलों की सड़को पर खनिज महकमे से ताल्लुक रखने वाले “नाग सांप” नामक शख्स अपने लाव लश्कर के साथ चहल कदमी कर रहा है | वो “पिट पास” ओपचारिकताएं पूर्ण करने हेतु जरूरतमंदों को सूर्यकान्त के दर्शन कराने की जिम्मेदारी भी उठा रहा है | लिहाजा कारोबारी और उद्योगपति गब्बर के कहर से बचने के लिए दिल्ली का रुख करने की तैयारी कर रहे है | ताकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इन पांचो जिलों की अवैध उगाही के मामलों से अवगत कराया जा सके |
कारोबारियों का मानना है कि बाजार में आई मंदी और लगातार लॉकडाउन की वजह से उनके आर्थिक हालात इतने खराब है कि 25 रूपये टन “गुंडा टेक्स” देना उन पर भारी पड़ रहा है | कई व्यवसायियों ने तो अपना कारोबार ही बंद कर दिया है | जबकि कई उद्योगपतियों ने भी गब्बर सिंह टेक्स देने के बजाए अपनी औद्योगिक इकाई को बंद रखने का फैसला किया है | पीड़ित कारोबारी अपने कारखानों की चाबी जल्द ही राहुल गांधी को सौंपने की तैयारी में है | गब्बर सिंह टेक्स को लेकर स्थानीय पत्रकारों ने जब माइनिंग विभाग का रुख किया तब पता पड़ा कि “पिट पास” को लेकर राज्य सरकार की ओर से 25 रूपये टन वसूली के कोई वैधानिक निर्देश उनके पास नहीं है | अफसरों ने “पिट पास” संबंधी व्यवस्था से भी इंकार किया है | ऐसे में इन पांचों जिलों में हो रही अवैध वसूली पर रोक लगाने के लिए स्थानीय कलेक्टर और पुलिस द्वारा कोई वैधानिक कदम नहीं उठाना , उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगा रहा है |
पीड़ित कारोबारियों की दलील है कि राज्य सरकार ने यदि “पिट पास” के लिए 25 रूपये प्रति टन की दर निर्धारित की है , तो उसे बैंक ड्रॉफ्ट , चेक या नगद भुगतान हेतु वैधानिक व्यवस्था की जाए | ताकि यह रकम सरकार की तिजोरी में जाए | उनके मुताबिक इस तरह से चल रही अवैध वसूली से रोजाना लाखों रूपये इस गिरोह के जेब में जा रहे है | इससे राज्य सरकार को ना केवल रोजाना लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है , वही अवैध वसूली से छत्तीसगढ़ सरकार की सांख पर भी खुलेआम बट्टा लग रहा है | पीड़ितों का मानना है कि अवैध उगाही पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को फौरन कड़े कदम उठाने होंगे | वर्ना इसके विरोध में कई उद्योग धंधे बंद होने से राज्य में बेरोजगारी बढ़ेगी | इन उद्योग धंधों पर निर्भर आबादी के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा होगा |