Monday, September 23, 2024
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मुद्रा लोन और प्राइवेट फायनेंस के नाम पर लोगों से करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ , पुलिस ने यूपी से तीन आरोपियों को धर दबोचा , ठगी गैंग ने छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में लोगों को लगाया चूना 

रायपुर / साइबर सेल ने मुद्रा लोन दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है, ये गिरोह मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। रायपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पायी है। अकेले छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि  देश के कई राज्यों में इन ठगों ने करोड़ों रुपए लोन दिलाने के नाम पर लोगों को चूना लगाया है | इस गिरोह के सदस्यों ने बिरगांव के रहने वाले युवक से 1 लाख 47 हजार रूपए की ठगी की ​थी। युवक से 5 लाख रुपए का मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर ठगी की गई थी। शिकायत के बाद केस की लगभग 4 महीने तक बारीकी से जांच के बाद पुलिस के हाथ इन तक पहुंच ही गए। अब इन्हें रायपुर लाया गया है। गिरफ्तारी के बाद युवकों ने बताया कि आखिर कैसे 10वीं पास ये युवक देश के लोगों की मेहनत की कमाई दूसरे शहर में बैठे-बैठे उड़ा लिया करते थे।

बीरगांव के रहने वाले पीयूष कुमार के पास मई महीने में एक फोन कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को मुद्रा फायनेंस का कर्मचारी बताया। इसके बाद 5 लाख रुपए का लोन देने की बात कही, इसके बाद कभी रजिस्ट्रेशन, कभी जीएसटी, कभी इनकम टैक्स और कभी गारंटी के नाम पर किश्तों में कुल 1 लाख 45 हजार रुपए ले लिए। इस बीच ठग तरह-तरह के बैंक एग्रीमेंट, इंश्योरेंस के कागज भी पीयूष को भेज रहे थे। ठगों ने यह दावा भी किया था कि जो रुपए वो इस वक्त दे रहा है वो लोन अमाउंट में जोड़कर भेजे जाएंगे। इसकी शिकायत पीयूष ने उरला थाने में की।

पुलिस के पास जब ये मामला पहुंचा तो जांच के लिए अधिकारियों ने एक टीम बनाई। टीम ने खातों की जांच की, हर उस बैंक के से जानकारी मांगी जहां पीयूष ने ठगों को देने रुपए भेजे। पुलिस को दिल्ली में आरोपियों के छुपे होने का पता चला। टीम दिल्ली रवाना हुई। पुलिस 7 दिनों तक गाजियाबाद, नोएडा और बुलंदशहर में आरोपियों की तलाश करती रही, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। आरोपियों के फोन नंबर, पते, आधारकार्ड की जानकारी सब फर्जी था। मगर बैंक खातों की जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि युवक बुलंद शहर में हैं और टीम ने एक बार फिर रेड मारकर नीरज कुमार, आनंद स्वरूप और चंद्रवीर को पकड़ लिया।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मुद्रा लोन दिलाने का विज्ञापन गूगल, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर देते हैं। कोई व्यक्ति यदि लिंक को एक्सेस करता था तो उसके मोबाइल नंबर का डाटा इनके पास आ जाता था। इसी के जरिए जरूरतमंद लोगों को फोन करके लोन दिलाने का झांसा देते थे। साइबर सेल और उरला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन आरोपियों को धर दबोचा गया है।इस पर SSP ने मामले का खुलासा करने वाली टीम को 20 हजार रूपए के इनाम की घोषणा की है।

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