
Ganesh Chaturthi 2025 इस बार बेहद खास रहने वाली है क्योंकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 500 साल बाद पांच दुर्लभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। गणेशोत्सव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धर्मग्रंथों और लोककथाओं में बप्पा का महत्व अमर है, यही कारण है कि यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष है।
भारत के प्रसिद्ध गणेश मंदिर
राजस्थान का त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर किले के अंदर स्थित है। यहां भक्त विवाह के निमंत्रण और पत्र सीधे बप्पा को भेजते हैं।
महाराष्ट्र का गिरिजात्मज मंदिर अष्टविनायक तीर्थ का हिस्सा है, जिसे गणेश जन्मस्थान माना जाता है। यह गुफा मंदिर अपनी अनोखी संरचना के लिए प्रसिद्ध है।
छत्तीसगढ़ का ढोलकल गणेश मंदिर 3,000 फीट ऊँचाई पर स्थित है। यहां गणेश जी की प्राचीन मूर्ति युद्ध से जुड़ी किंवदंतियों से खास पहचान रखती है।
कर्नाटक का गुडदत्त श्री विनायक मंदिर जल में डूबी गणपति मूर्ति के लिए जाना जाता है, जिसे रोज़ एक हजार घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है।
सीमाओं के पार बप्पा
भारत ही नहीं, विदेशों में भी गणपति का वैभव देखा जा सकता है। जापान के टोक्यो का मात्सुचियामा शोडेन मंदिर प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है। मलेशिया का श्री शक्ति विनयगर मंदिर औपनिवेशिक और तमिल वास्तुकला का अनूठा संगम है। सेशेल्स का अरुल्मिगु नवशक्ति विनयगर मंदिर हिंदू त्योहारों का प्रमुख केंद्र है। वहीं इंडोनेशिया के माउंट ब्रोमो पर स्थित गणेश प्रतिमा स्थानीय लोगों को ज्वालामुखी विस्फोट से सुरक्षा देने वाली मानी जाती है।
Ganesh Chaturthi 2025 इस बार बेहद खास रहने वाली है क्योंकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 500 साल बाद पांच दुर्लभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। गणेशोत्सव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धर्मग्रंथों और लोककथाओं में बप्पा का महत्व अमर है, यही कारण है कि यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष है।
भारत के प्रसिद्ध गणेश मंदिर
राजस्थान का त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर किले के अंदर स्थित है। यहां भक्त विवाह के निमंत्रण और पत्र सीधे बप्पा को भेजते हैं।
महाराष्ट्र का गिरिजात्मज मंदिर अष्टविनायक तीर्थ का हिस्सा है, जिसे गणेश जन्मस्थान माना जाता है। यह गुफा मंदिर अपनी अनोखी संरचना के लिए प्रसिद्ध है।
छत्तीसगढ़ का ढोलकल गणेश मंदिर 3,000 फीट ऊँचाई पर स्थित है। यहां गणेश जी की प्राचीन मूर्ति युद्ध से जुड़ी किंवदंतियों से खास पहचान रखती है।
कर्नाटक का गुडदत्त श्री विनायक मंदिर जल में डूबी गणपति मूर्ति के लिए जाना जाता है, जिसे रोज़ एक हजार घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है।
सीमाओं के पार बप्पा
भारत ही नहीं, विदेशों में भी गणपति का वैभव देखा जा सकता है। जापान के टोक्यो का मात्सुचियामा शोडेन मंदिर प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है। मलेशिया का श्री शक्ति विनयगर मंदिर औपनिवेशिक और तमिल वास्तुकला का अनूठा संगम है। सेशेल्स का अरुल्मिगु नवशक्ति विनयगर मंदिर हिंदू त्योहारों का प्रमुख केंद्र है। वहीं इंडोनेशिया के माउंट ब्रोमो पर स्थित गणेश प्रतिमा स्थानीय लोगों को ज्वालामुखी विस्फोट से सुरक्षा देने वाली मानी जाती है।