छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में कई गंभीर मामलों के आरोपी शख्स को प्रमोशन देने के लिए एनआरडीए के सीईओ डॉ. अयाज तंबोली से लेकर CGHB के डॉ. अयाज तंबोली ने झोंकी पूरी ताकत , DPC कराने के लिए महीनेभर में आधा दर्जन से अधिक बार दौड़ाए कागजी घोड़े , शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना के लिए मोहरे बैठाने का काम जोरशोर से , देखे दस्तावेजी रिपोर्ट 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ की बड़ी योजनाओं में से एक शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना को अवैध आय का जरिया बनाने के लिए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अफसरों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है | इसके लिए अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग करने से भी आलाधिकारी बाज नहीं आ रहे है | मामला कई गंभीर मामलों के आरोपी संपदा अधिकारी एमएस शेख को नियम विरुद्ध तरीके से पदोन्नति देने से जुड़ा है | जानकारी के मुताबिक एमएस शेख को मुख्य संपदा अधिकारी के साथ साथ मुख्य लेखाधिकारी बनाने के लिए अफसरों और विभागीय मंत्री की दिलचस्पी से छत्तीसगढ़ हॉउसिंग बोर्ड के कर्मचारी हैरत में है | बताया जाता है कि एक साथ तीन बड़े विभागों का प्रभार संभाल रहे डॉ. अयाज तंबोली ने एमएस शेख को जल्द से जल्द पदोन्नति देने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है | कर्मचारी इस बात को लेकर हैरत में है कि एमएस शेख के अलावा विभाग में सैकड़ों अधिकारी-कर्मी अपनी पदोन्नति की राह तक रहे है | लेकिन उनके प्रमोशन के लिए डीपीसी आयोजित करने के लिए हाउसिंग बोर्ड के कमीशनर ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है | जबकि एक मात्र संपदा अधिकारी के लिए वे लगातार मंत्री जी के बंगले से लेकर मंत्रालय तक रोजाना दौड़ लगा रहे है | 

कई गंभीर मामलों का आरोपी है एमएस शेख : 

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी एमएस शेख पूर्व में जेल की हवा खा चुके है | वे अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत आपराधिक आचरण करने के मामले में 48 घंटे से अधिक वक्त तक जेल में बंद रहे | इस मामले में फ़िलहाल वे जमानत में है | नियमनुसार निर्धारित 24 घंटे से अधिक वक्त तक कैद रहने के चलते उन्हें निलंबित किया जाना था | लेकिन आला अधिकारियों के संरक्षण के चलते उन्हें अभयदान दे दिया गया | यही नहीं इस संपदा अधिकारी को एक महिला सहकर्मी के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ करने को लेकर राज्य महिला आयोग ने नामजद किया है | उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश महिला आयोग ने की है | बावजूद इसके इस गंभीर प्रकरण को दरकिनार कर एमएस शेख को पदोन्नति देने के लिए 22 दिसंबर 2020 को डीपीसी आयोजित की गई है | बताया जाता है कि बतौर संपदा अधिकारी एमएस शेख ने अपने रिश्तेदार मिर्जा शाहजर बेग को प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में अपने अधीनस्त लेखापाल के पद पर नियुक्त किया | फिर नियमाविरुद्ध तरीके से उसे संपदा प्रबंधक के पद पर नियुक्ति दे दी | बताया जाता है कि भाई भतीजावाद को हवा देते हुए अब प्लेसमेंट एजेंसी के वर्कर मिर्जा शाहजर बेग को CGHB में नियमित करने के लिए नियमों में संशोधन भी कर दिया गया है | 

एमएस शेख

कई आर्थिक घोटालों में शामिल है संपदा अधिकारी एमएस शेख :  

जानकारी के मुताबिक नया रायपुर अटल नगर समेत राज्य के सभी जिलों में GAD भवन निर्माण के लिए विभिन्न बैंको से CGHB ने छत्तीसगढ़ शासन की गारंटी पर विभिन्न बैंकों से लगभग 200 करोड़ से ज्यादा का लोन लिया था | बताया जाता है कि इस संपदा अधिकारी ने 1 करोड़ 19 लाख रूपये का आहरण बिना किसी सक्षम स्वीकृति के अपने हित में कर लिया | यह चोरी पकड़े जाने पर विभागीय कर्मियों ने मामले को बतौर शिकायत आलाधिकारियों को सौंपा था | लेकिन एमएस शेख के खिलाफ कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई | मामला अभी लंबित है | यही नहीं अमानत में खयानत करते हुए एमएस शेख के खिलाफ आर्थिक भ्रष्ट्राचार की एक अन्य गंभीर शिकायत भी दरकिनार कर दी गई है | इस शिकायत में सबूतों सहित बताया गया है कि छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड अपने ग्राहकों से सालाना पानी और भवनों के रखरखाव का शुल्क वसूलता है | इसके एवज में ग्राहकों को नगद भुगतान की रशीदें दी जाती है | 

शिकायत के मुताबिक संपदा अधिकारी ने इन राशिदों को ही नष्ट कर दिया है | इसके चलते प्रतिवर्ष ग्राहकों से मिलने वाले नगद भुगतान का कोई हिसाब किताब छत्तीसगढ़ हॉउसिंग बोर्ड में नहीं है | यह भी बताया जा रहा है कि विभिन्न योजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ग्राहकों को आवेदन फार्म बेचता है | पिछले कई वर्षों से इस आवेदन फार्म से प्राप्त रकम अभी तक विधिवत रूप से हाउसिंग बोर्ड के खाते में जमा नहीं की गई है | शिकायत में कहा गया है कि करोड़ों की यह रकम संपदा अधिकारी ने अपने जेब में डाल ली | जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले में भी एमएस शेख का नाम सुर्ख़ियों में रहा | उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने भी नोटिस जारी किया था | दरअसल भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए संपदा अधिकारी एमएस शेख पर अपनी बच्चियों को प्रवेश दिलाने के लिए 50 लाख से अधिक के लेनदेन की शिकायत दर्ज है | जानकारी के मुताबिक यह रकम चिरायु अस्पताल के चैरेटी ट्रस्ट में जमा कराई गई थी | जबकि इस दौरान वे तृतीय श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात थे | 

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एक अन्य शिकायत में भी आलाधिकारियों ने इस विवादित अफसर को बचाने के लिए कोई वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया | बताया जाता है कि आवास रथ के लिए संपदा अधिकारी को चार पहिया एक सरकारी वाहन उपलब्ध कराया गया है | लेकिन वे इसका जमकर निजी उपयोग करते है | शिकायत में कहा गया है कि इस वाहन के उपलब्ध होने के बावजूद वे प्रतिमाह 25 हजार रूपये वाहन भत्ता अलग से प्राप्त करते है | इस तरह से कई मामलों में संपदा अधिकारी एमएस शेख शासन और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड दोनों को चूना लगा रहा है | फ़िलहाल इस विवादित अफसर को नियम विरुद्ध तरीके से पदोन्नति दिए जाने का मामला गरमाया हुआ है |