आमजन को एक मार्च से कोरोना वैक्सीन, निजी अस्पतालों में देने होंगे 250 रुपये प्रति डोज, 100 रुपये होगा सर्विस चार्ज, सरकार जल्द कर सकती है एलान!

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की डोज दी गई। एक मार्च से देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। इस बीच खबर है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की कीमत 250 रुपये प्रति डोज हो सकती है। इसमें 100 रुपये सर्विस चार्ज शामिल है।

सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की कीमत 250 रुपये प्रति डोज होगी और इस बारे में केंद्र सरकार जल्द ही घोषणा कर सकती है। वैक्सीन का एक निश्चित मूल्य होगा, कोई कैपिंग नहीं होगी। बताया जा रहा है कि आज या कल तक प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत की घोषणा सरकार कर सकती है।

बता दें कि एक मार्च से देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू होगा। वैक्सीनेशन के दौरान 60 साल से ऊपर की उम्र वालों को वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि 45 साल से 60 साल के बीच के लोगों को भी वैक्सीन की डोज दी जाएगी, लेकिन इस एज ग्रुप के उन्हीं लोगों को वैक्सीन मिलेगी जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 6 राज्यों- महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में 8,333 नए केस सामने आए। इसके बाद केरल में 3,671 और पंजाब में 622 नए मामले सामने आए। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कुल 16,488 नए मामलों में से 85.75 प्रतिशत केस 6 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं। हालांकि, इस बीच 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 24 घंटों के दौरान किसी की भी कोरोना से मौत नहीं हुई।

बता दें कि आज कैबिनेट सचिव ने तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, जम्मू—कश्मीर और पश्चिम बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बैठक करेगी। इसमें कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करने और इससे निपटने को लेकर चर्चा करेगी। गौरतलब है कि कोरोना से बचाव के लिए अब तक 1,42,42,547 लोगों को वैक्सीन भी लगाई जा चुकी है। इनमें 66,68,974 हेल्थकेयर वर्कर्स और 51,19,695 फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं।