कानपुर / कानपुर मुठभेड़ के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है | आरोप है कि ये लोग हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ वाली रात घटनास्थल से भाग गए थे | कानपुर रेंज आईजी मोहित अग्रवाल ने इस बात बात की जानकारी दी | गिरफ्तार किए गए दोनों पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे को दबिश की जानकारी देने का भी आरोप है |
कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि “सबूतों के आधार पर पाया गया है कि पुलिसकर्मी विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को छापे की सूचना पहले से दी | इसलिए वह पहले से अलर्ट था और उसने हमले की योजना बनाई, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए”| वहीं, आईजी मोहित अग्रवाल ने जानकारी दी कि ये दोनों मुठभेड़ के वक्त पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे | पर ऑपरेशन शुरू होते ही वहां से फरार हो गए |
आईजी ने बताया कि तिवारी और शर्मा पर आरोप है कि दोनों ने मुठभेड़ से पहले ही सूचनाएं हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को लीक की हैं | दोनों पहले से निलंबित हैं | पुलिस और विकास दुबे के साथ हुई कथित मुठभेड़ के बाद से ही संदेह के दायरे में आए तिवारी से पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गहन पूछताछ की थी | उसके बाद तिवारी और शर्मा को निलंबित कर दिया गया था |
गौरतलब है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बदमाश विकास दुबे के बीच मिलीभगत की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी | शहीद सीओ के वायरल लेटर के सामने आने के बाद मुखबिरी के शक की सबसे पहले सुई एसओ विनय तिवारी पर गई थी | जब पुलिस टीम बिकारू जा रही थी, तभी एसओ विनय तिवारी ने फोन करके लाईट कटवाया था | तमाम आरोप के बाद विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था | इसके बाद चौबेपुर थाने के दो दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड किया गया था | मामले में सभी से पूछताछ की जा रही है | बता दे कि इस शूटआउट में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे |