
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं, के 11 जून 2025 को जेल से रिहा होने की उम्मीद है. यह दावा उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर अली खान ने किया है. गोहर ने कहा कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) में अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की सजा को निलंबित करने की याचिका पर सुनवाई होनी है. आइए, इस मामले की पूरी जानकारी जानते हैं.
अल-कादिर ट्रस्ट मामला £190 मिलियन (लगभग 50 अरब रुपये) की एक विवादास्पद डील से जुड़ा है. यह राशि ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) ने एक पाकिस्तानी प्रॉपर्टी टाइकून मलिक रियाज़ के खिलाफ भ्रष्टाचार जांच के बाद पाकिस्तान को लौटाई थी. आरोप है कि इमरान खान की सरकार ने इस राशि को राष्ट्रीय खजाने में जमा करने के बजाय, मलिक रियाज़ की कंपनी बहरिया टाउन की देनदारियों को समायोजित करने के लिए इस्तेमाल किया. बदले में, मलिक रियाज़ ने अल-कादिर ट्रस्ट को पंजाब के झेलम जिले में 458 कनाल जमीन दान दी, जिसके ट्रस्टी इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी हैं. इस ट्रस्ट के तहत अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी.
गोहर अली खान का दावा: 11 जून है अहम दिन
पीटीआई अध्यक्ष गोहर अली खान ने कहा कि 11 जून को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई इमरान खान और बुशरा बीबी के लिए निर्णायक होगी. उन्होंने दावा किया कि इस सुनवाई में दोनों को जमानत मिलने की पूरी उम्मीद है. गोहर ने यह भी आरोप लगाया कि बुशरा बीबी को बिना किसी औपचारिक आरोप के जेल में रखा गया है ताकि इमरान खान पर दबाव बनाया जा सके. उन्होंने स्पष्ट किया कि इमरान की रिहाई के लिए कोई सौदा नहीं किया जाएगा.
जेल से आंदोलन की तैयारी
इमरान खान की पार्टी पीटीआई मौजूदा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करने की योजना बना रही है. गोहर ने बताया कि इमरान खान जेल से ही इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे. पार्टी ने 9 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की है, जिसमें आगामी संघीय बजट को लेकर उनकी रणनीति का खुलासा किया जाएगा. इसके अलावा, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने चेतावनी दी है कि अगर इमरान खान को रिहा नहीं किया गया, तो ईद-उल-अज़हा के बाद एक बड़े आंदोलन की शुरुआत होगी.
इमरान खान के खिलाफ कई मुकदमे
72 वर्षीय इमरान खान को अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा गया है. उनके खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आतंकवाद और देशद्रोह जैसे आरोप शामिल हैं. अल-कादिर ट्रस्ट मामला इनमें सबसे हाई-प्रोफाइल है. इमरान और उनकी पार्टी इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं. उनका दावा है कि 8 फरवरी 2024 के आम चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई, जिसे उन्होंने “मदर ऑफ ऑल रिगिंग” करार दिया.
सरकार ने की बातचीत की पेशकश
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के विशेष सहायक राणा सनाउल्लाह ने पीटीआई से सरकार के साथ बातचीत करने और चुनावी सुधारों में हिस्सा लेने की अपील की है. हालांकि, इमरान खान और उनकी पार्टी पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को “जनादेश चोर” कहकर उनकी वैधता पर सवाल उठाते रहे हैं.
पीटीआई में एकजुटता
गोहर अली खान ने पार्टी में किसी भी तरह के आंतरिक मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि पीटीआई पूरी तरह एकजुट है और अपने संस्थापक इमरान खान के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि पार्टी लोकतंत्र की बहाली के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों.