छत्तीसगढ़ के कोरबा में DMF फंड में करोड़ो के गोलमाल का आरोप , पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने जाँच के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र , दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग  

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रिपोर्टर – गेंदलाल शुक्ला 

कोरबा /  छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक बार फिर DMF , खनिज न्यास मद में घोटालों और अनियमितताओं का मामला सुर्ख़ियों में है | खनिज न्यास मद में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने जांच की मांग की है | उन्होंने कोरबा कलेक्टर किरण कौशल को पत्र लिखकर खनिज न्यास मद स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन में करोड़ों रुपए की आर्थिक अनियमितता की जांच करवाए जाने और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की है|
 

प्रशासन को लिखे पत्र में उन्होंने बताया है कि जिला खनिज न्यास संस्थान द्वारा वित्तीय वर्ष 2019- 20 अंतर्गत हाथी एवं खनन प्रभावित क्षेत्रों में हाई मास्ट एवं एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था | जिसके अंतर्गत करतला एवं पोड़ी- उपरोड़ा विकासखंड में एक करोड की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें जनपद एवं ग्राम पंचायतों द्वारा मिलीभगत कर अवैधानिक रूप से कार्य को ठेके में दे दिया गया और बिना काम किए ठेकेदार को लाखों का भुगतान भी कर दिया गया | उन्होंने आरोप लगाया कि जनपद एवं ग्राम पंचायतों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित निविदा अथवा भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है  | पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने इसे सुसंगठित भ्रष्टाचार बताया है | उन्होंने जनपद सीईओ की भूमिका को लेकर सवाल उठाते हुए ठेकेदार से राशि की वसूली और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई. आर. दर्ज करने की मांग कोरबा कलेक्टर से की है | 

उन्होंने प्रशासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया है कि ग्राम पंचायतों को स्वयं निष्पादित करना होता है लेकिन सभी ग्राम पंचायतों द्वारा एक ही व्यक्ति अथवा फर्म को परोक्ष रूप से ठेके पर दे दिया गया | इस पर सवाल उठाते हुए विधायक ननकीराम ने पूछा कि आखिर किसके दबाव अथवा प्रभाव में एक ही व्यक्ति अथवा फर्म को कार्य/ प्रदाय आदेश दिया गया है ? बताया जा रहा है कि, कार्य स्वीकृत कराने से लेकर बिना निविदा प्रक्रिया के काम लेने तक और बिना काम किए राशि के अग्रिम आहरण तक सबके पीछे एक व्यक्ति विशेष की भूमिका संदिग्ध है | इस हाईप्रोफाइल मामले के तार राजनीतिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सरपंच एवं सचिव तक जुड़े है | बताया जा रहा है कि इसी हाई प्रोफाइल कनेक्शन द्वारा ग्राम पंचायतों में पेयजल और स्ट्रीट लाइट के लगभग आठ करोड़ का प्रस्ताव लंबित है जिसमें बड़ा भ्रष्टाचार और गेम खेला जाना है | उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी के बाद यदि डीएमएफ के कार्यों में अनियमितताओं के मामले की सही जांच होती है तो भ्रष्टाचार की परतें और परत दर परत सामने आएंगी | 

पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने करतला एवं पोड़ी उपरोड़ा जनपद अंतर्गत डीएमएफ मद से स्वीकृत हाई मास्ट एवं एलइडी स्ट्रीट लाइट स्थापना कार्य एवं अन्य कार्यों की जांच कराने की मांग कोरबा कलेक्टर से की है.उन्होंने प्रेषित पत्र में लिखा है की ग्राम पंचायतों की आड़ में चहेते ठेकेदारों को उपकृत करने का कार्य प्रशासन कर रहा है भंडार क्रय नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं | ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाने के पीछे शासन की मंशा बिचौलिया प्रथा को समाप्त करने की थी लेकिन नियम कायदों को ताक में रखकर सत्ता से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है | बिना काम किए शासकीय राशि का भुगतान किया जाना आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है | 
उन्होंने बिना तकनीकी अमले के ग्राम पंचायतों को कार्य एजेंसी नियुक्त किए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं | उन्होंने अवैधानिक परोक्ष ठेके को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने, भुगतान की गई राशि की वसूली और कार्य को तकनीकी निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से खुली निविदा के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य पर कराए जाने की मांग कोरबा कलेक्टर से की है | उन्होंने दोषी अधिकारी एवं ठेकेदार के विरुद्ध एफ. आई.आर. दर्ज करने की भी बात कही है |  और जिला खनिज न्यास मद के दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर की है |  उन्होंने जिला खनिज न्यास संस्थान यह पदेन अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह टेकाम को भी पत्र की प्रतिलिपि प्रेषित कर कार्यवाही हेतु लिखा है | 

कोरबा में जिला खनिज न्यास संस्थान मद में हर वर्ष लगभग 310 करोड़ रुपए की निधि एकत्रित होती है. जिसमें नागरिक सुविधाओं से जुड़े विकास कार्य संपादित करवाए जाने का प्रावधान है | लेकिन विगत कुछ वर्षों से जिला खनिज न्यास संस्थान मद राजनीतिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों के मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है और विवादों में बना हुआ है |