कोरबा / रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन घोटाले की जांच के लिए एक बार में फिर ED की टीम ने कोरबा कलेक्टर कार्यालय का रुख किया है। बताया जा रहा है कि ED की टीम ने कलेक्टोरेट दफ्तर के माइनिंग विभाग में दस्तक दी है। सूत्र बताते है कि ED ने कोल परिवहन के अलावा खनिज निधि से खर्च किए गए आय-व्यय का ब्यौरा भी इकट्ठा किया है।
ED ने कई ऐसे दस्तावेज खंगाले है,जिसकी मूल नस्ती नदारद बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक आधे-अधूरे और कई गायब दस्तावेजों को लेकर ED की टीम ने कुछ अधिकारियों से पूछताछ की है। जानकारी के मुताबिक रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर रानू साहू के रायपुर स्थानांतरण के बाद कलेक्टर कार्यालय में पहली बार ED ने दबिश दी है।
सूत्र बताते है कि रायगढ़ और कोरबा में कई कारोबारियों से पूछताछ के बाद ED ने कलेक्टर कार्यालय का रुख किया है। कोयला ट्रांसपोर्टिंग में अवैध वसूली मामले को लेकर कई खनिज अधिकारियों से ED पूर्व में भी पूछताछ कर चुकी है। कोयला स्कैम में मुख्यमंत्री बघेल की करीबी सौम्या चौरसिया और कोयला दलाल सूर्यकांत समेत दर्जन भर अधिकारी और कारोबारी जेल की हवा खा रहे है। सूत्र बताते है कि ED की अगली कार्यवाही के तार कोरबा कलेक्टर कार्यालय से जुड़े है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि ED की मौजूदा जाँच से IAS रानू साहू की मुश्किलें बढ़ सकती है।