पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई बन सकते है असम के मुख्यमंत्री, विधानसभा चुनाव में भाजपा के सीएम उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में डटने की खबर से विपक्ष सकते में, बीजेपी में नौकरशाहों और न्यायायिक सेवा से जुड़े अफसरों के लिए सुनहरा अवसर

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ईटानगर / बीजेपी में नौकरशाहों के साथ – साथ न्यायायिक सेवा से जुड़े जजों के लिए विशेष डेस्क खुल गई है | सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें अच्छे पदों पर आसीन करने की रणनीति पर अमल किया जायेगा | ताकि उनके अनुभवों का इस्तेमाल जनहित के कार्यों में किया जा सके | इस कड़ी में देश की सर्वोच्च अदालत ने चीफ जस्टिज ऑफ़ इंडिया रह चुके रंजन गोगोई को असम का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी चल रही है | बीजेपी ने गोगोई को राज्यसभा में भेज कर विपक्ष को हैरानी में डाल दिया था |

लेकिन अब एक और बड़ा दांव खेलकर बीजेपी ने विपक्ष को मुश्किल में डालने की तैयारी शुरू कर दी है | असम के मूल निवासी रंजन गोगोई की बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश में वापसी की चर्चाएं जोरो पर है | हालाँकि गोगोई अभी राज्यसभा में अपना जौहर दिखाएंगे | लेकिन असम में भी उनकी मौजूदगी दर्ज होगी | उन्हें मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जायेगा | असम में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई अगले साल होने वाले असम विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

इस खबर ने पूर्व सीएम तरुण गोगोई की नींद उड़ा दी है | दरअसल असम में कांग्रेस अपनी सरकार बनाने का सपना संजोए बैठी थी | ऐसे समय पूर्व सीजेआई ने उसकी बेचैनी बढ़ा दी है | मीडिया से चर्चा करते हुए तरुण गोगोई ने कहा कि ‘मैंने अपने सूत्रों से सुना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में रंजन गोगोई का नाम है। मुझे लगता है कि उन्हें असम का अगला मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया जा सकता है।

कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, यदि पूर्व सीजेआई राज्यसभा जा सकते हैं, तो वे भाजपा के अगले ‘संभावित’ मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर भी सहमत हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह सब राजनीति है। अयोध्या राम मंदिर मामले के फैसले को लेकर भाजपा रंजन गोगोई से खुश है। फिर उन्होंने राज्यसभा नामांकन स्वीकार करके धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा। कांग्रेस नेता ने पूछा कि उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने से मना क्यों नहीं किया? गोगोई ने आगे कहा कि वे आसानी से मानवाधिकार आयोग या अन्य अधिकार संगठनों के अध्यक्ष बन सकते थे। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और इसीलिए उन्होंने नामांकन स्वीकार किया।’

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पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने यह भी कहा कि वे असम में कांग्रेस के अगले ‘संभावित’ मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे या नहीं होंगे, अभी इस पर फैसला नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि वे बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, वामपंथी और क्षेत्रीय दलों सहित ‘महागठबंधन’ बनाने की वकालत कर रहे हैं ताकि भाजपा को सत्ता से उखाड़ कर फेंका जा सके।