फरार तांत्रिक से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की मुलाकात सुर्ख़ियों में, आरोपी केके श्रीवास्तव कों जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर हज़ारों का ईनाम…. 

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में ठगी के मामलों की बाढ़ आई हुई है। ज्यादातर मामलों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और उनके गिरोह का नाम ही सामने आ रहा है। कांग्रेस राज में राजधानी रायपुर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 300 करोड़ का वर्क दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे बघेल का भी नाम सामने आया है। हालांकि पुलिस ने अभी आरोपी तांत्रिक केके श्रीवास्तव के खिलाफ ठगी का अपराध दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि फरार तांत्रिक से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की अच्छी-खासी सांठ-गांठ थी। पीड़ितों को पूर्व मुख्यमंत्री का हवाला देने के बाद ही स्मार्ट सिटी का वर्क आर्डर दिलाने का भरोसा दिलाया गया था। जानकारों के मुताबिक बघेल के अलावा उनकी उपसचिव सौम्या चौरसिया से भी आरोपी के नजदीकी ताल्लुकात थे। यह भी बताया जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के द्वारा कई मौकों पर आरोपी को उपकृत भी किया जाता था। कोरबा स्थित बालको प्लांट में राखड़ डंम्पिंग का ठेका तांत्रिक श्रीवास्तव को सौंपे जाने के पीछे बघेल का ही हाथ बताया जाता है।

यह भी बताया जा रहा है कि तांत्रिक के बिलासपुर स्थित आश्रम में कई अप्रिय वारदातों को भी अंजाम दिया गया था। इस आश्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी कथित पटरानी सौम्या की अक्सर चहल-कदमी भी देखी जाती थी। यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री के दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए कई यज्ञ,जप-तप और तंत्र क्रियाएं भी की जाती थी। इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हुए थे। ऐसे मौकों में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को आश्रम में मौजूद देखकर स्थानीय प्रशासन भी हैरत में था। पूर्व मुख्यमंत्री की गोपनीय गतिविधियों से सम्बद्ध केके श्रीवास्तव के बारे में कई अधिकारियों से लेकर स्थानीय लोग बताते है कि इलाके में उसके आतंक से कई कारोबारियों का जीना हराम था, बघेल की शय पर वो देखते ही देखते बड़ा ठेकेदार और सरकार का खास नुमाइंदा बन गया था। पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी होने के चलते उसने दर्जनों लोगों को चूना लगाया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास में उसने पूर्व मुख्यमंत्री भूपे के साथ रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर के कारोबारियों की कई मौकों पर मीटिंग भी कराई थी।

सूत्र तस्दीक करते है कि हरियाणा में हालिया चुनाव प्रचार के दौरान फरार तांत्रिक श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के संपर्क में था। गुड़गांव में दोनों की मुलाकात भी चर्चा में है।पुलिस सूत्र यह भी बताते है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल से भी पूछताछ हो सकती है। गौरतलब है कि केके श्रीवास्तव ने दिल्ली के एक कारोबारी से धोखाधड़ी कर उसकी कंपनी को करोड़ो की चपत लगाई है। पीड़ित ने इसकी शिकायत रायपुर के तेलीबांधा थाने में की थी। तांत्रिक श्रीवास्तव पर आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में स्मार्ट सिटी में 15 करोड़ का काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से ठगी की थी। FIR के मुताबिक दिल्ली की रावत एसोसिएट कंपनी को केके श्रीवास्तव ने 2023 में कांग्रेस शासन के समय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम दिलाने के एवज में 15 करोड़ रुपए लिए गए थे। आरोपी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से अच्छे संपर्कों का हवाला देकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित की शिकायत पर तेलीबांधा थाना में आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

तेलीबांधा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, रावत एसोसिएट के मालिक पीड़ित अशोक रावत ने बताया कि साल 2023 में कांग्रेस शासन के वक्त आचार्य प्रो. कृष्ण के माध्यम से केके श्रीवास्तव से मुलाकात हुई थी. इसके बाद केके श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के 500 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट एक राजनेता के भाई ने लिया है. उस प्रोजेक्ट का सबलेट करना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार को 15 करोड़ रुपए परफॉर्मेंस मनी सिक्योरिटी, गारंटी के रूप में देना होगा. फर्जी दस्तावेज तैयार कर केके श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी का पूरा काम कंपनी को दिलाने का झांसा देकर 7 अलग-अलग बैंक खातों में 15 करोड़ रुपए की राशि डलवा ली. पूरे रकम लेने के बाद भी स्मार्ट सिटी का न कोई काम मिला न ही नई सरकार के गठन के बाद आरोपी ने पीड़ित को रकम लौटाने में कोई दिलचस्पी दिखाई।

यह भी बताया गया है कि तत्कालीन भूपे सरकार के नाम तैयार किया गया एक मेमोरेंडम भी उन्हें दिया गया था। जबकि पूरी रकम अपने खाते में आहरण करने के बाद श्रीवास्तव ने पीड़ितों को वर्क आर्डर दिलाने का भरोसा दिलाया था। पीड़ित के मुताबिक लगातार दबाव बनाने के बाद राज्य सरकार के साथ ग्लोमैक्स इंडिया के नाम एक मैमोरेंडम उन्हें व्हाट्सएप पर भेजा गया था। उनके मुताबिक कृष्ण कुमार श्रीवास्तव (केके) और उनकी पत्नी कंचन श्रीवास्तव के खातों से यह रकम दूसरे खातों में स्थानांतरित भी की गई। उधर प्रारंभिक जांच में कई दस्तावेज फर्जी पाए गए है। 

रावत एसोसिएट के प्रबंधन समिति की तरफ से की गई शिकायत के बाद तेलीबांधा थाना में आरोपी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव के विरुद्ध भारतीय दंड विहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 506, 120-बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि पीड़ित की शिकायत पर अपराध दर्ज किया गया है. पूरे प्रकरण की जांच चल रही है.

जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। विवेचना के दौरान अचानक गायब हो जाने के चलते पुलिस ने बिलासपुर निवासी केके श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित किया है। रायपुर पुलिस ने उस पर 10 हजार रूपयो का ईनाम घोषित किया है। यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी केके श्रीवास्तव की गिरफ्तारी पर कई सामाजिक संस्थाओं ने भी ईनामी राशि की घोषणा की है।