
दिल्ली/रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसते जा रहा है। ED ने पूर्व मुख्यमंत्री की बेहद करीबी निलंबित सरकारी सेवक और मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया को एक बार फिर धर-दबोचा है। उनकी गिरफ़्तारी के बाद जहाँ कांग्रेस के पैरों तले ज़मीन खिसक गई है, वही पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल की बैचेनी भी कम दिलचस्प नहीं बताई जा रही है। बताते है, कि बीती रात बघेल पर भारी पड़ी है। वो रात भर सोचते रहे, कि ED उनकी भी “देवउठनी” ना कर दे, अर्थात सौम्या के बाद कही उनकी भी गिरफ़्तारी ना हो जाए। लिहाजा, बताया जा रहा है, कि सौम्या के विरह में बघेल रात भर तड़पते रहे। उन्हें अंदेशा सता रहा है, कि ED की दूसरी पारी में कही सौम्या चौरसिया अपना मुंह ना खोल दे।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, बघेल की सबसे करीब और विश्वसनीय तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के बार फिर ED के हत्थे चढ़ गई है। उन्हें इस बार शराब घोटाले में करोड़ों की अफरा-तफरी करने के आरोप में धर-दबोचा गया है। मामला लगभग 500 करोड़ की अवैध आमदनी के बैंकिंग लेन-देन और सरकारी रकम पर हाथ साफ़ करने से जुड़ा है। सौम्या चौरसिया को मंगलवार रात ED ने अपनी हिरासत में ले लिया है।

आज बुधवार को कुछ देर बाद उन्हें अदालत में पेश किया जायेगा। सौम्या चौरसिया ED रिमांड में जाएगी या जेल ? या फिर अदालत से जमानत पर छूट जाएगी। यह देखना गौरतलब होगा। प्रवर्तन निदेशालय रायपुर जोनल ऑफिस (ED-RPZO) ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत 3,200 करोड़ रुपये के मल्टी-लेयर शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया, जिससे छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में फिर से हलचल मच गई है। इसके पहले 2 दिसंबर, 2022 को सौम्या चौरसिया को अवैध कोयला लेवी मामले में हिरासत में लिया गया था, जो एक और हाई-वैल्यू फाइनेंशियल क्राइम था जिसने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान चल रहे भ्रष्टाचार के गहरे नेटवर्क का खुलासा किया था। एक बार फिर ED शराब घोटाले की तह तक पहुंच गई है। सौम्या चौरसिया के अलावा कई और दिग्गज नेताओं और अधिकारियों की गिरफ़्तारी के आसार भी जाहिर किए जा रहे है।

जानकारी के मुताबिक, सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी तत्कालीन भू -पे सरकार के दौरान शराब की अफरा -तफरी वाले प्रशासनिक फैसलों, शराब कार्टेल ऑपरेशंस से जोड़ने वाली लगातार फाइनेंशियल फोरेंसिक जांच के बाद हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री की करीबी सौम्या पर 500 करोड़ से ज्यादा की सीधी कमाई के कई तथ्य सामने आये है। जबकि 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा के अपराध की कमाई को स्वयं सँभालने और इस्तेमाल करने के उन पर गंभीर आरोप है। आयकर विभाग और ED मामले की तफ्तीश में जुटी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सौम्या चौरसिया को PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है, इसमें अपराध एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय है, जांचकर्ताओं द्वारा शराब सिंडिकेट से उत्पन्न अपराध की कमाई को रखने, ट्रांसफर करने और इस्तेमाल करने में उनकी कथित भूमिका स्थापित करने के बाद सौम्या को धर-दबोचा है।

उधर,ED ने सौम्या को अपने कब्जे में लेने के बाद उनका अनिवार्य मेडिकल टेस्ट कराया है। उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया जा रहा है। कोयला, शराब और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के मामलों सहित कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और सौम्या की सहभागिता सामने आई है। बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल लम्बे अरसे से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। ED-RPZO अधिकारियों ने कहा, कि सौम्या की गिरफ्तारी लगातार पूछताछ और शराब घोटाले की जांच के दौरान सामने आए फाइनेंशियल लेन-देन की फोरेंसिक जांच के बाद हुई है। सौम्या, छत्तीसगढ़ स्टेट कैडर की 2008 बैच की डिप्टी कलेक्टर स्तर की अधिकारी है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल से उनकी निकटता के कई किस्से कहानियों ने कांग्रेस राज में उन्हें तत्कालीन सरकार के केंद्र में ला दिया था। तस्दीक की जा रही है,कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 348 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी मामले में चौरसिया पर मुकदमा चलाने की मंज़ूरी दे दी है।

सर्वोच्च अदालत ने CBDT सर्कुलर 5/2020 को सर्च मामलों में जल्दी मुकदमा चलाने के लिए वैध माना है। कोर्ट ने सौम्या की आर्टिकल 14 की चुनौती खारिज कर एजेंसियों की PCIT के मंज़ूरी देने के अधिकारों को सही ठहराया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के उन पर कथित 348 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी मामले में मुकदमा चलाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने एजेंसी की कार्यवाही को सही ठहराया है।

जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस विनोद कुमार की बेंच ने कहा कि प्रिंसिपल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (PCIT) द्वारा दी गई मुकदमे की मंज़ूरी वैध थी,उसने कहा, कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) सर्कुलर नंबर 5/2020, जो इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (IAT) द्वारा पेनल्टी कन्फर्मेशन से पहले भी मुकदमा चलाने की अनुमति देता है, संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं करता है। कोर्ट ने कहा कि सर्कुलर का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि केवल गंभीर, बड़े मामलों में ही मुकदमा चलाया जाए जबकि छोटे मामलों में अपीलीय कन्फर्मेशन का इंतजार किया जाए।

ED ने चौरसिया के भिलाई स्थित आवास पर 2020 में राज्य भर में बिजनेस लेनदेन से जुड़ी कथित बेहिसाब आय-व्यय का काला चिट्ठा बरामद किया था। मामले में टैक्स चोरी पकड़ी गई थी, एजेंसी ने उच्च स्तरीय जांच का मामला दिल्ली में सेंट्रलाइज्ड कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, 2011-12 से 2022-23 तक आठ फाइनेंशियल वर्षों को कवर करने वाले असेसमेंट आदेशों में 348 करोड़ रुपये से अधिक की अफरा-तफरी पाई गई है।
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पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कथित कोयला लेवी और शराब नीति मामलों के संबंध में सौम्या के खिलाफ ED और आयकर विभाग को टैक्स चोरी सम्बन्धी पुख्ता ट्रेल हाथ लगी है। उन्हें पहली बार दिसंबर, 2022 में गिरफ्तार किया गया था, 2024 में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर वो जेल से रिहा हुई थी। फ़िलहाल, सौम्या को जाना होगा जेल या फिर मिलेगी बेल या फिर ED लेगी रिमांड यह देखना गौरतलब होगा।





