छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव ढांड की आँखों में बांधी गई पट्टी, अँधेरे का साम्राज्य, हेड लाइट से रौशनी गायब ? चेहरा भी हो गया अजीबों-गरीब, IT-ED, EOW के बाद CBI के संक्रमण का बढ़ा खतरा, छत्तीसगढ़ शासन के ‘पूर्व मुखिया’ सदमे में…..

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दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में CBI और ED की दबिश से आल इंडिया सर्विस के उन अधिकारियों की नींद हराम है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सेवा के नाम पर मेवा लूटने में जोर दिया था। ऐसे अधिकारियों में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का नाम अव्वल नंबर पर लिया जाता है। ताजा जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के ठिकानों पर पहले ED और उसके बाद CBI की छापेमारी से पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड की नींद उड़ी बताई जा रही है।

यह भी बताया जा रहा है कि हफ्तेभर से ‘साहब’ ने दोनों आँखों में ‘हरी पट्टी’ बांध ली है, आमतौर पर क्लीन शेव रहने वाले ढांड ने दाढ़ी बढ़ा ली है और चेहरा भी अजीबो-गरीब कर लिया है, इसके चलते ढांड साहब को पहचानना भी मुश्किल हो रहा है। पूर्व मुख्य सचिव से मेल-मुलाकात करने वाले तस्दीक कर रहे है कि ढांड साहब की दोनों आँखों की रेटिना में इन्फेक्शन हो गया है, स्थानीय शंकर नगर स्थित रेटिना केयर अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है, इस लिए ‘साहब’ के दूरदर्शन केंद्रों पर हरा पर्दा डाल दिया गया है।

डॉक्टर ने साहब को GYM जाने से भी रोक दिया है, हफ्तेभर से शेविंग नहीं होने के चलते चेहरे पर सफ़ेद बाल उग आये है। तजुर्बेकारी में सफ़ेद हुए दाढ़ी के बालों पर चर्चा करते हुए ढांड के कई करीबियों ने इसे कीमती जड़ीबूटी भी बताया। एक जानकारी में उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव के बालों का इस्तेमाल रियल एस्टेट कारोबार में उन्नति और जमीनों कों बेजा कब्जे एवं क़ानूनी अड़चनों से बचाने के लिए टोटकों के रूप में किया जाता है, दूर-दूर तक इसकी मांग है।

उनके मुताबिक एक खास विधि विधान के तहत पूर्व सचिव की दाढ़ी और सिर के बालों को जमीन के भीतर गाड़ा जाता है, इससे प्रशासनिक बाधा दूर होती है और ‘जातक’ को व्यापार में दिन दुगुना रात चौगुना मुनाफा प्राप्त होता है। वे दावा करते है कि देश-प्रदेश के कई कॉलोनाइजर, भू-माफिया, हवाला कारोबारी और ब्लैक मनी खपाने वाले साहब के ‘बालों’ के कद्रदान है।

उन्होंने साहब के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए उम्मीद जताई कि आंखे ठीक होने पर जल्द ही उनका चेहरा-मोहरा भी पहले की तरह निखर आएगा। रायपुर में ड्रिंकिंग ड्राइव की एक हालिया घटना में पूर्व मुख्य सचिव का नाम उस समय सुर्ख़ियों में आया था, जब इस हादसे में उनका एक हाथ टूट गया था। जबकि शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटे आई थी। वे कई दिनों तक हाथ लटकाए घूमते-फिरते नजर आये थे।

जानकार सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि अचानक साहब को दिखना बंद हो गया था। उनकी दोनों हेड लाइट से रौशनी विदा ले चुकी थी, इसलिए रेटिना केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीबी यह भी बताते है कि सालभर पहले इंदौर में साहब के हार्ट का ऑपरेशन भी कराया गया था। इसके बाद घुटनों का इलाज भी कराया गया।

साहब अभी चुस्त-दुरुस्त हो के GYM जाना शुरू किये ही थे कि आंखों की रौशनी ने साथ छोड़ दिया। हालांकि EOW,ED और CBI के खौफ से इंकार करते हुए करीबियों ने यह भी दावा किया कि साहब की समस्त चल-अचल संपत्ति नंबर-1 में है, आयकर को इसकी सूचना दे गई है। इसलिए एजेंसियों की चहलकदमी से साहब बेफिक्र है।

एक जानकारी में इन करीबियों ने यह भी दावा किया कि आमतौर पर साहब डॉक्टर खेमका के पंडरी स्थित मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में ही इलाज कराने में जोर देते है। लेकिन इस बार खेमका के अस्पताल के आयकर के झमेले में फंसने से साहब ने दूरियां बना ली है, आयकर छापों के बाद 45 करोड़ सरेंडर करना पड़ रहा है, यहाँ इलाज कराना मुसीबत भरा हो सकता है, इसलिए शंकर नगर का रुख किया गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव ढांड पर सरकारी-गैर सरकारी जमीनों के हथियाने के कई गंभीर आरोप है। कई मामलों में कोर्ट-कचहरी जारी है।

ED पूर्व में ढांड के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने 1 हज़ार करोड़ के समाज कल्याण विभाग घोटाले में ढांड को नामजद करते हुए सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के सरकार के हस्तक्षेप के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। तत्कालीन भूपे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी देकर छत्तीसगढ़ शासन का पक्ष कमजोर कर दिया था।

हालांकि यह मामला अभी भी अदालत में लंबित बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक एक अन्य प्रकरण में रायपुर के मुख्य मार्ग में कारोबारी कंपनी डी-मार्ट को करीब 300 करोड़ की सरकारी जमीन के सौदेबाजी को लेकर भी विवेक ढांड का नाम सामने आया है। हालिया सौदेबाजी में बेचीं गई सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कराये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

शिकायतकर्ताओं ने पुलिस और EOW में दस्तावेजी प्रमाण पेश कर मामले की शिकायत भी की है। बताया जाता है कि बेशकीमती सरकारी जमीन को लीज पट्टे पर रायपुर के तत्कालीन SDM अनिल टुटेजा के हस्ते पूर्व मुख्य सचिव के पिता को आबंटित किया गया था। जबकि रायपुर के ही तत्कालीन SDM तारण प्रकाश सिन्हा ने समुचित जांच प्रक्रिया का पालन किये बगैर ही ऐसी जमीनों का विवेक ढांड के पक्ष में हस्तांतरण कराने में अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग किया था।

शिकायतकर्ताओं ने इस ओर राज्य सरकार का ध्यान दिलाते हुए सरकारी जमीनों की बंदर बांट पर रोक लगाने की मांग की है। फ़िलहाल, पूर्व मुख्य सचिव की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। इधर साहब के अंधत्व निवारण कार्यक्रम कों कामयाब बनाने के लिए करीबियों का तांता लगा हुआ है।