भ्रष्टाचार के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल को ज्यादा समझाना नही पड़ता था, जब आरोपी टुटेजा ने ED के समक्ष खोली जुबान…

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रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के उपरांत यह देखना गौरतलब होगा कि राजनीति किस करवट बैठती है। क्या पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल और उनका कुनबा इस प्रदेश को सरेआम लूटने के मामले में जेल जाएगा ? संपत्ति की वसूली होगी या फिर कानूनी दांव-पेचों के चलते भ्रष्टाचार के महारथी बच निकलेंगे। फिलहाल तो पूर्व सुपर सीएम अनिल टुटेजा ने ED के सामने अपना मुंह खोला है , वो सरकारी गवाह बनने के लिए भी अपने हांथ-पांव मार रहा है। उसे अपने पुत्र यश टुटेजा की चिंता भी सताने लगी है , रातोंरात अरबपति बनने के चक्कर में टुटेजा एंड कंपनी सवालों के घेरे में है।

अब तक की पूछताछ में आरोपी टुटेजा ने जो सच उगला है , वो हैरान करने वाला है। भू-पे सरकार ने बीते 5 बरस में सरकारी तिजोरी पर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का फटका सीधे तौर पर लगाया है। इसके अलावा विभिन्न विभागों में योजनाओं की अफरा तफरी और घोटालों , ट्रांसफर पोस्टिंग और ठेकों से होने वाली कमाई अलग है , इसका बटवारा चंद भागीदारों के बीच होता था। दिल्ली दरबार में भी चढ़ोत्तरी होती थी। छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ATM बना दिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री के नाक के नीचे और पूरी सहमति के साथ तमाम घोटालों को अंजाम दिया गया था। जब टुटेजा का मुंह खुला तो कई दस्तावेजी प्रमाणों की तस्दीक खुद ब खुद होने लगी। ED दफ्तर में टुटेजा से हुई पूछताछ गाैरतलब बताई जाती है।

ED हिरासत में लगभग हफ्ते भर तक रहने के बाद आरोपी अनिल टुटेजा को आज रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया गया है। ED ने आरोपी टुटेजा की पुनः रिमांड मांगी है। कई और महत्वपूर्ण जानकारियों को लेकर आरोपी टुटेजा से पूछताछ और तस्दीक अभी बाकी बताई जाती है, इसके लिए ED को हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त लग सकता है। बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में तमाम घोटालों के सूत्रधार के रूप में टुटेजा का नाम नौकरशाही में सबसे ऊपर था। लिहाजा शराब घोटाले समेत अन्य घोटालों में भी टुटेजा के लिप्त होने संबंधी कई दस्तावेज उजागर हुए हैं। शराब घोटाले में तो टुटेजा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भू-पे बघेल का भरपूर साथ दिया था। हालाकि वो बघेल के निर्देश पर ही तमाम सरकारी कार्यों को अंजाम दे रहे थे। “CM” ने जो कहा उसका पालन किया गया था, फैसले भू-पे के थे, सरकारी सेवक होने के नाते मैंने तो आदेशों का सिर्फ पालन किया था। उपरोक्त उदगार टुटेजा के हैं।

ED रिमांड में टुटेजा कई रहस्यों पर से पर्दा हटा रहा है। लिहाजा टुटेजा की दुबारा रिमांड लेने के लिए ED ने जोर दिया है। हालाकि अदालत का फैसला अभी नही आया है। देर शाम तक उसके आने के आसार हैं। उधर ED ने 5 दिनों में टुटेजा से शराब घोटाले को लेकर लंबी पूछताछ की है। उसने शराब ठेकेदारों से अनुबंध , विदेशी शराब के कारोबार , असली और नकली होलोग्राम की छपाई के अलावा शराब की रोजाना बिक्री के लेखा-जोखा को लेकर व्यापक पूछताछ की है। शराब बिक्री के एक और दो नंबर के रजिस्टर में दर्ज होने वाली कमाई का ब्यौरा भी सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी अनिल टुटेजा ने पूछताछ में खुद को निर्दोष साबित करने और भू-पे की असलियत जाहिर करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ी है। भ्रष्टाचार का सारा ठीकरा भू-पे बघेल और सौम्या चौरसिया पर फोड़ा गया हैं।

इस तथ्य की तस्दीक हुई है की घोटालों से मुहैय्या होने वाली रकम का बड़ा हिस्सा भूू-पे के कुनबे तक भी पहुंचता था। कई राजनैतिक खर्चे आबकारी विभाग के माध्यम से भी एडजेस्ट किए जाते थे। पुत्र चैतन्य बघेल के रियल एस्टेट कारोबार , विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट में करोड़ों की काली कमाई का समायोजन भी किया गया है। बताते हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले को लेकर आशान्वित नजर आते थे। कई मौकों पर तो वे हाथों-हाथ रकम मांगने से भी नही चूकते थे। इसकी डिलीवरी दिल्ली, मुंबई, नागपुर और बेंगलुरु में भी कराई गई थी। कभी सूर्यकांत तिवारी तो कभी अरुणपति त्रिपाठी के जरिए हवाला का बंदोबस्त किया जाता था। कुछ कारोबारियों के जरिए हवाला ऑपरेटरों से भी संपर्क साधा गया था। इनके द्वारा मोटी रकम दुबई ट्रांसफर की गई थी। उपरोक्त उदगार एक सुपर सीएम के बताए जा रहे हैं, इसकी गुंज ED के गलियारों में भी सुनाई दे रही है।

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे के भी दिन फिरने वाले हैं। उनके साथ कई नाते-रिश्तेदार भी ED के दफ्तर में खड़े नजर आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि अनिल टुटेजा के साथ साथ उनके पुत्र यश टुटेजा से भी ED ने पूछताछ की है। टुटेजा पिता-पुत्र और परिजनों की संपत्ति का ब्यौरा भी बुलाया गया है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि टुटेजा एंड कंपनी ने बीते 5 सालों में अरबों कमाए थे , कई कंपनियों और फर्मों को अवैध रूप से लाभान्वित भी किया गया था। ये सभी शराब कंपनियां जांच के दायरे में हैं , बड़ी रकम का दुबई तक हवाला किए जाने की जानकारी भी सामने आ रही है। ED दफ्तर में दस्तावेजी प्रमाणों के आधार पर टुटेजा पिता-पुत्र से पूछताछ की जा रही है। इस दौरान समय समय पर वकीलों और परिजनों को आरोपी से मेल मुलाकात की इजाजत भी दी गई है।

बताया जाता है कि टुटेजा के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार को की गई विभिन्न शिकायतों को भी संज्ञान में लिया गया है , गौरतलब है कि हफ्ते भर पहले अनिल टुटेजा को EOW ने और फिर ED ने अपनी हिरासत में लिया था , जबकि उनके पुत्र यश टुटेजा को हिरासत में लेने के चंद घंटों बाद ही ED ने हिदायत देकर छोड़ दिया था। अब यश टुटेजा ने भी अपने कारोबार और करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा ED को सौंपा है। उधर आरोपी अनिल टुटेजा ने मुख्य्मंत्री विष्णुदेव साय को लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए अपनी बेगुनाही का ब्यौरा पेश किया है। इसमें उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए घोटालों से खुद को अलग-थलग जताया है। छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाले की परतें अब दिखाई देने लगी हैं। शराब से कमाई गई रकम से आरोपियों ने देश-विदेश में अरबों की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। कागजों में संचालित होने वाली कई फर्म और शेल कंपनियों ने भू-पे राज में करोड़ों का सुनियोजित कारोबार किया है।

अब तक ED टुटेजा एंड कंपनी की लगभग 15 करोड़ की ही संपत्ति अटैच कर पाई है। जबकि अरबों की बेनामी संपत्ति बाजार में उपलब्ध है। बताते हैं कि बीते 5 वर्षो में अर्जित की गई करीब 200 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को लेकर टुटेजा एंड कंपनी से पूछताछ जारी है। यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी अनिल टुटेजा ने ED के समक्ष कई सच कबूले हैं। यह सच भू-पे की सत्ता के काले कारोबार से जुड़ा बताया जाता है। इसमें भू-पे बघेल और उनके कुनबे का काला चिट्ठा भी शामिल है। भू-पे पुत्र बिट्टू (चैतन्य बघेल) के रियल एस्टेट कारोबार , बेटी-दामाद एवम अन्य करीबियों द्वारा खुले बाजार में खपाई गई ब्लैक मनी का ब्यौरा भी चौंकाने वाला बताया जाता है। फिलहाल आरोपी टुटेजा को जेल या रिमांड , इस बारे में अदालत के फैसले का इंतजार हो रहा है।