रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजनैतिक गलियारे में चर्चा सरगर्म है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल ED के हत्थे चढ़ सकते है, बाप-बेटे के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद एजेंसियों ने छापेमारी की कार्यवाही को अंजाम दिया है। बीजेपी और कांग्रेस के विभिन्न खेमों के अलावा आम जनता के बीच इस छापेमारी को जांच एजेंसियों की सकारात्मक कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है। उधर भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकानों पर छापेमारी की कार्यवाही अभी भी जारी है।

भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री के आवास और अन्य ठिकानों के अलावा पुत्र चैतन्य बघेल के करीबी सहयोगियों और कई नाते-रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी ED की टीम मौजूद नजर आ रही है। हालांकि इन स्थलों पर आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। घरों-बंगलो के भीतर जारी जांच-पड़ताल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को भी घर से बाहर निकलने का मौका अभी नहीं मिल पाया है।
सूत्र तस्दीक करते है कि विधानसभा सत्र का हवाला देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने मौके से नौ दो ग्यारह होने के लिए जमकर दबाव बनाया था। लेकिन उनके अरमानों पर उस समय पानी फिर गया जब, एजेंसियों के घेरे में ही आवाजाही सुनिश्चित कर दी गई।

बताया जाता है कि हालात से वाकिफ होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कुछ चुनिंदा कांग्रेसी विधायकों को अपनी आपबीती सुनाई है। इसके बाद पार्टी के कुछ विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकानों का रुख कर लिया है।

सूत्र तस्दीक करते है कि पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकानों से बरामद सामग्री में कई डिजिटल उपकरण भी एजेंसियों के हाथ लगे है। अभी इनकी जब्ती को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल के ठिकानों के अलावा ED ने दर्जन भर से ज्यादा उन स्थानों पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, जहाँ विभिन्न घोटालों के आरोपियों का रैन बसेरा है।
इनमे बघेल के करीबी नाते-रिश्तेदार और कारोबारी शामिल बताये जाते है। ऐसे सभी ठिकानों में छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान तैनात है। उधर छापेमारी वाले स्थानों में पूर्व मुख्यमंत्री के कई समर्थकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर नारेबाजी और प्रदर्शन किया है।

भिलाई स्थित बघेल के आवास में कुछ पार्टी समर्थकों ने केंद्र सरकार, ED और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी कर शोरगुल मचाया। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें खदेड़ने में देरी नहीं की।

जानकारी के मुताबिक 2200 करोड़ के शराब घोटाले, 15 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप सट्टा घोटाले और 700 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में मुख्य लाभार्थी और संरक्षक के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल का नाम सामने आया था। महादेव ऐप घोटाले के आरोपी पुलिस अधिकारी CB चंद्राकर ने चैतन्य बघेल को हर माह प्रोटेक्शन मनी के रूप में लाखों की नगदी सौंपी थी।






CB चंद्राकर के दर्ज बयानों के मुताबिक महादेव ऐप सट्टा घोटाले में बघेल पिता-पुत्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी। यही नहीं पूर्व मंत्री कवासी लखमा, रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, पूर्व आबकारी सचिव अरुण पति त्रिपाठी, पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी और कारोबारी अनवर ढेबर से हुई पूछताछ में सामने आये कई तथ्यों को लेकर अब स्थिति स्पष्ट होने के आसार जाहिर किये जा रहे है। फ़िलहाल, पूर्व मुख्यमंत्री बाप-बेटे से ED पूछताछ में जुटी है।
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