बांग्लादेश की राजनीति के सबसे विस्फोटक मुकदमों में से एक का अंत आज उस फैसले के साथ हुआ, जिसने पूरे देश को हिला दिया. इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल-1 ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जुलाई–अगस्त 2024 के आंदोलन के दौरान हुई व्यापक हिंसा, हत्याओं और दमनात्मक कार्रवाइयों के लिए मानवता-विरोधी अपराधों में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है. तीन सदस्यीय पीठ ने 400 पन्नों के फैसले में हसीना को हत्याओं की ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया और कहा कि उन्होंने न केवल दमन का आदेश दिया, बल्कि उसे रोकने के लिए कोई कदम भी नहीं उठाया.

ट्रिब्यूनल ने ये फैसला सुनाया, कि शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं। यह फैसला छह भागों में विभाजित 453-पृष्ठों के फैसले में विस्तार से बताया गया है। जजों को फैसला सुनाने और कानूनी आधार समझाने में लगभग 40 मिनट लगे। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार थे। हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदोज्जमां खान कमल (फरार) और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून (हिरासत में, दोषी ठहराया) को भी मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया गया।
