बंगलूरू के पूर्व कमिश्नर आईएएस विजय शंकर बंगले में मृत मिले, 4000 करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले को लेकर सीबीआई के निशाने पर थे विजय शंकर, कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने उन्हें कराया था गिरफ्तार, बीजेपी की मौजूदा सरकार ने घोटाले की सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी, अफसर की मौत की जाँच में जुटी पुलिस

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बंगलुरु वेब डेस्क / कनार्टक कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी एम विजय शंकर बंगलूरू में अपने बंगले में मृत मिले हैं। उनकी मौत से नौकरशाही में खलबली मची है | पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी। इससे पहले उनकी मौत की खबर है | पुलिस के मुताबिक मामले की गहन जाँच की जा रही है | उनका शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है | एफएसएल टीम ने मौका का जायजा भी लिया है |

पुलिस के अनुसार बंगलूरू के पूर्व आयुक्त बीएम वियज शंकर के जयानगर के आवास पर अधिकारीयों का ताँता लगा है | पुलिस के मुताबिक विस्तृत जानकारी जाँच के बाद ही उपलब्ध कराई जाएगी | हालाँकि उसने पुष्टि की कि ‘यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं।’ विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल का गठन किया था | इस टीम ने घोटाले को लेकर शंकर को गिरफ्तार किया था। हालाँकि बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए थे |

इसके बाद भाजपा सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया। सीबीआई के सूत्रों बताया कि हाल ही में एजेंसी ने इस मामले में शंकर और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने इस मामले में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी।

पोंजी घोटाले को लेकर दो आईएएस और चार आईपीएस अफसरों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में थी | बताया जाता है कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान ने 2006 में आईएमए के नाम से एक कंपनी खोली थी। यह कंपनी कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू सहित कुछ जिलों में अपना संचालन कर रही थी। कंपनी ने लोगों के साथ निवेश के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी।

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कंपनी पर आरोप था कि उसने लोगों को 17-25 फीसदी का लालच देकर पैसे निवेश करवाए, लेकिन जब रिटर्न देने का समय आया तो कंपनी का मालिक मंसूर खान दुबई फरार हो गया। हालांकि, बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई इस मामले में नए सिरे से जाँच में जुटी थी | इससे पहले की आईएएस अधिकारी विजय शंकर से पूछताछ होती उनकी मौत की खबर आ गई |