मनोज सिंह चंदेल /
राजनांदगांव जिले के मनगट्टा वन परिक्षेत्र में 3 दिनों तक वन विभाग को छकाने के बाद वन विभाग ने दावा किया है कि बाघ क्षेत्र से निकल गया है। वहीं पर्यटकों के लिए वन चेतना केंद्र खोल दिया गया है।राजनांदगांव जिले से लगभग 17 किलोमीटर दूर मन क्षेत्र में बीते 27 तारीख की रात बाघ देखा गया था। इसके बाद से वन विभाग इस क्षेत्र में बाघ की तलाश में जुटा हुआ था। वन विभाग को लगातार क्षेत्र में बाघ के पदचिन्ह मिल रहे थे। एहतिहात के तौर पर वन चेतना केंद्र को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। लगभग 3 दिनों की तलाश के बाद जब वन विभाग के हाथ खाली रहे तो नववर्ष के उत्साह को देखते हुए मनगट्टा वन चेतना केंद्र पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। वहीं वन विभाग का तर्क है कि बाघ क्षेत्र से रवाना हो गया है और उसके पद चिन्ह लगभग 12 किलोमीटर दूर ग्रामा भर्रे गांव इलाके में दिखा मिला है। वन विभाग ने राजनांदगांव जिले के पड़ोसी जिले बालोद को अलर्ट किया है।
मनगट्टा क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी से लगातार दहशत का माहौल था, बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पिंजरा भी क्षेत्र में लगाया हुआ है। इसके बावजूद वन विभाग बाघ का क्षेत्र से बाहर निकलने के दावे कर रहा है। वहीं वन अमला अभी भी मनगट्टा क्षेत्र में तैनात है | अब सवाल यह उठता है कि अगर बाघ इस क्षेत्र से निकल गया है तो फिर वन अमले की तैनाती यहां पर क्यों की गई है और वन अमले को अगर बाघ की निगरानी के लिए तैनात किया गया है तो फिर पर्यटकों के लिए क्षेत्र क्यों खोला गया है। तमाम ऐसे सवालों में वन विभाग खुद ही उलझा दिखाई दे रहा है। मनगट्टा वन चेतना केंद्र में लगभग 387 हेक्टेयर के एक छोटे से अभ्यारण में चितल पार्क विकसित किया गया है। माना जा रहा है कि बाघ चितल की तलाश में यहां पहुंचा था। बहरहाल तमाम संसाधनों के बीच भी वन विभाग का अमला एक छोटे से वन क्षेत्र में बाघ को तलाश नहीं पाया और मनगट्टा क्षेत्र से वन विभाग बेपरवाह हो गया वहीं बाघ की तलाश अन्य क्षेत्र में शुरू कर दी है। वन विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र से बाघ के निकल जाने के बाद अब जिले के कई गांव में दहशत का माहौल विकसित होने लगा है।
