मानव इतिहास में पहली बार पानी के सिस्टम का बिगड़ा बैलेंस, रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स की चेतावनी- दुनिया पर बरपेगा कहर……

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औद्योगिक और तकनीकी विकास के दम पर सरपट दौड़ रही मानवता ने ग्रह को खतरे में डाल दिया है. मानव इतिहास में पहली बार, पृथ्‍वी का जल चक्र असंतुलित हो गया है. यह वैश्विक चक्र पूरे ग्रह पर पानी को चारों ओर घुमाने वाला सिस्टम है. एक नई रिपोर्ट में, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह असंतुलन पूरी दुनिया पर कहर बरपाएगा. अर्थव्यवस्थाएं तबाह हो जाएंगी, खाद्य उत्पादन चौपट हो जाएगा और मानव जीवन पर व्यापक असर पड़ेगा. यह रिपोर्ट ‘ग्लोबल कमीशन ऑन द इकॉनमिक्स ऑफ वाटर’ ने जारी की है. यह दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का एक समूह है.

पृथ्‍वी का जल चक्र उस जटिल सिस्टम को कहते हैं जिसके द्वारा पानी पृथ्वी के चारों ओर घूमता है. पानी जमीन से वाष्पित होता है – जिसमें झीलें, नदियां और पौधे शामिल हैं – और वायुमंडल में ऊपर उठता है, जिससे हवा में जलवाष्प की बड़ी नदियां बनती हैं. ठंडा होने, संघनित होने और आखिरकार बारिश या बर्फ के रूप में वापस जमीन पर गिरने से पहले ये लंबी दूरी तय करने में सक्षम होती हैं.

ताजा रिपोर्ट कहती है कि दशकों से हो रहे विनाशकारी भूमि उपयोग और जल कुप्रबंधन ने जलवायु संकट के साथ मिलकर वैश्विक जल चक्र पर ‘अभूतपूर्व दबाव’ डाला है. इस दबाव का असर अभी से दुनिया पर दिखने लगा है. करीब तीन अरब लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं. फसलें बर्बाद हो रही हैं और शहर सिकुड़ रहे हैं.

अगर फौरन कदम नहीं उठाए गए तो नतीजे भयावह होंगे. रिपोर्ट के अनुसार, जल संकट से वैश्विक खाद्य उत्पादन में 50% से अधिक का नुकसान होने का खतरा है. 2050 तक देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में औसतन 8% की कमी आने का खतरा है. निम्न आय वाले देशों में यह नुकसान 15% तक होने का अनुमान है.