सीबीआई (CBI) ने बहुचर्चित चारा घोटाले (Fodder Scam) में देवघर जिला कोषागार से 89.27 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सजा अवधि बढ़ाने की अपील करते हुए झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की है. सोमवार को हाईकोर्ट में जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को इस मामले में अभियुक्तों से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया. इस पर सीबीआइ की ओर से समय की मांग की गई, अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया. अब इस मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.
हाईकोर्ट से मिल चुकी है जमानत
गौरतलब है कि, सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार से धोखाधड़ी के जरिए निकासी से संबंधित मामले (आरसी 64ए) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराते हुए दिसंबर 2017 में साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. सजा की अवधि का आधा हिस्सा पूरा करने के बाद उन्हें पिछले साल जुलाई में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
‘कम सजा दी गई है’
अब सीबीआई ने इसी मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि लालू यादव सहित अन्य को कम सजा दी गई है, जबकि लालू इस मामले के षड्यंत्रकर्ताओं में शामिल हैं. इस मामले में निचली अदालत से जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा मिली है, इसलिए लालू प्रसाद यादव को भी कम से कम इतनी ही सजा मिलनी चाहिए.
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याचिका में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के अलावा महेश कुमार, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्य, फूलचंद सिंह और रविंद्र राणा की सजा बढ़ाने की मांग की गई है. इनमें से आरके राणा, महेश कुमार और फूलचंद भट्टाचार्य की मौत हो चुकी है. झारखंड हाई कोर्ट ने दिवंगत नेता आरके राणा और अन्य मृतकों का नाम इस याचिका से हटाने के लिए आवेदन देने का निर्देश दिया है.