मध्यप्रदेश में 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट , क्या कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पायेगी ? बीजेपी के पक्ष में जादुई आंकड़ा , निगाहें विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर 

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रिपोर्टर – मनोज सागर 

भोपाल / मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार 16 मार्च को क्या अपना बहुमत सिद्ध कर पायेगी ? इसे लेकर माथापच्ची का दौर शुरू हो गया है | दरअसल 16 मार्च को राज्य की विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होनी है | माना जा रहा है कि इसी दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ से बीजेपी अपना बहुमत साबित करने की मांग उठा सकती है | हालांकि इस दौरान क़ानूनी दांवपेचों का दौर भी शुरू होने के आसार है | बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 28 में से 23 विधायकों ने अपना इस्तीफा कांग्रेस को भेज दिया है |

बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा सीधे स्वीकार करेंगे या फिर प्रत्येक विधायकों से मुलाकात कर इस्तीफे पर गौर फरमाएंगे | यह उनके स्वविवेक पर निर्भर करेगा | जानकारों के मुताबिक विधनसभा अध्यक्ष को इस्तीफा स्वीकार करने या अस्वीकार करने से लेकर मामले की तह तक जाने के लिए एक हफ्ते तक का अधिकार है | माना जा रहा है कि वे अपने इस अधिकार का उपयोग कर सकते है | ऐसे में फ्लोर टेस्ट की अवधि लंबी खिंच सकती है |   

मध्यप्रदेश का सियासी समीकरण इस प्रकार है , अगर आंकड़ों का गेम देखें तो गेंद भारतीय जनता पार्टी के पाले में जाती दिख रही है | अभी मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिसमें से दो विधायकों के निधन होने की वजह से दो सीटें रिक्त हैं | ऐसे में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 228 है | ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 115 हुआ | अभी कांग्रेस के पास 114, भाजपा के पास 107, सपा के पास 1, बसपा के पास 2 और निर्दलीय चार विधायक हैं | सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों का कांग्रेस को समर्थन है |

इस तरह से कमलनाथ सरकार 121 विधायकों के साथ सत्ता में काबिज है | लेकिन कांग्रेस के ज्योतिरादित्य समर्थक 23 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार साफतौर पर अल्पमत में नजर आ रही है | हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का दावा है कि फ्लोर पर बहुमत साबित करने में वे कामयाब रहेंगे | फ़िलहाल लोगों की निगाहें मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति के फैसले पर टिकी हुई है |