Flood in Bihar: नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश से मुजफ्फरपुर की नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। कई इलाकों में पानी घुस गया है। कई जगह बाढ़ के हालात हैं। कटरा स्थित बकुची पावर ग्रिड परिसर में पानी घुस गया है। दरअसल हिमालयन बेल्ट से जुड़े भारत और नेपाल का सदियों पुराना नाता है। लगभग एक जैसी मौसमी गतिविधियों के चलते दोनों देशों की नदियां उफान पर है। पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है। फ्लैश फ्लड और बारिश से नेपाल त्राहिमाम कर रहा है।
बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं. पटना में भी परेशानी है. 5 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह से प्रभावित हैं. गंडक तटबंध में दरार की खबर थी, मानो प्रशासन सो रहा था. कोसी, गंडक और बागमती का जलस्तर चढ़ा हुआ है.अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सीवान, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सारण आदि शामिल हैं. राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगी हैं. बीते 24 घंटों में 7 तटबंध टूट गए हैं और कई जगह स्कूल कॉलेज बंद हैं. प्रशासन राहत और बचाव के काम में लगा है.
सुपौल में कोसी के बढ़ते जलस्तर में आज कमी आई है. कोसी बैराज से निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज लगातार कम हुआ है. लेकिन नदी के कटाव का खतरा बना हुआ है. हालांकि सोमवार सुबह से प्रभावित इलाकों में पानी धीरे-धीरे घट रहा है. हालात सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा. यहां बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल की दर्जनों पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं.
पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हैं। बाढ़ प्रभावित करीब 5000 लोगों को सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों ने बचाया है। कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई तो नेपाल को अपने बांधों का गेट खोलना पड़ा। इससे भारत के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात हो गए है। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में पहाड़ों के दरकने का सिलसिला भी जारी है। वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ का पानी अपने साथ सबकुछ ले जाने के लिए आमादा है। नेपाल के तकरीबन हर हिस्से में लगातार बारिश हो रही है। रिहायशी इलाकों को भयानक नुकसान पहुंचा है।