पठानकोट वेब डेस्क / लॉक डाउन में पूर्व घोषित शादी की अनुमति जब नहीं मिली तो वर – वधु पक्ष ने नियमों का पालन करते हुए प्रदेश की सीमा पर ही ब्याह रचा लिया | दोनों वर – वधु पक्ष वाहनों से अपनी प्रदेश की सरहद पर पहुंचे | यहाँ उन्होंने सरकारी अफसरों से मदद मांगी और सड़क पर ही विवाह कर लिया | लॉक डाउन के बीच अजीबोगरीब तरीके से हुई ये शादी चर्चा में आ गई हैं। पंजाब और जम्मू-कश्मीर सीमा पर कई राहगीरों ने पांच जोड़ा वर – वधु को अपना आशीर्वाद भी दिया | हालाँकि पंजाब और हरियाणा से आए 5 दूल्हों को लखनपुर नाके के पास सड़क पर दिनभर बिताना पड़ा।
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प्रशासन ने शादी के लिए उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी थी। हालात को देखते हुए जम्मू कश्मीर में निवासरत वधु पक्ष देर शाम मौके पर पंहुचा | यहाँ सड़क पर ही वरमाला समेत शादी की अन्य रस्में अदा कर दूल्हे-दुल्हनों को अपने घर ले गए। इस नज़ारे को देखकर कुछ लोग चुटकियां लेते नजर आए तो कुछ ने प्रशासन को कोसा। पंजाब के पठानकोट, अमृतसर, फगवाड़ा, तरनतारन और हरियाणा के पानीपत से फूलों से सजी पांच कारें और सीमित बराती जम्मू-कश्मीर की सीमा पर पहुंचे थे। सुबह 5 बजे लखनपुर नाके पर 5 से 7 परिजनों के साथ पहुंचे दूल्हों को रोक कर आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।
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दिनभर नाके पर अधिकारियों के सामने परिजन मिन्नतें करते रहे, लेकिन अधिकारियों ने प्रोटोकाल का हवाला देते हुए आगे जाने की अनुमति नहीं दी। आखिरकार वर पक्ष को मौके पर मौजूद बुजुर्गों ने उन्हें यहीं पर दुल्हनों को बुलाकर रस्में पूरा करने का मशविरा दिया था। इसके बाद लखनपुर में सड़क किनारे देर रात तक पांचों दूल्हों ने दुल्हनों को वरमाला पहनाई और बारातियों के साथ दुल्हनों को विदा कराकर ले गए। फगवाड़ा के रोहित की शादी जम्मू की ज्योति से शादी हुई |
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रोहित के पिता रणजीत सिंह के मुताबिक उनके पास गृह जिलाधिकारी की अनुमति थी। लेकिन उसके बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें जम्मू जाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने बताया कि रोहित और ज्योति की शादी अप्रैल में तय थी लेकिन लॉक डाउन के चलते वह रद्द हुई और फिर मई में तारीख निकाली गई। दोबारा लॉक डाउन बढ़ा तो सादे ढंग से शादी रचाने की योजना बनी, उसे भी जम्मू प्रशासन ने पूरा नहीं होने दिया।
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पानीपत हरियाणा से जम्मू शादी करने जा रहे गौरव की रिश्ता भारती से तय हुआ था। गौरव के मुताबिक उन्होंने शादी लॉकडाउन में इसलिए नहीं टाली क्योंकि उनकी कुंडली के मुताबिक अगले एक साल तक शादी का उचित मुहूर्त नहीं था। वह भी जम्मू नहीं पहुंच पाए।
अमृतसर से आए ऋषभ के परिवार ने बताया कि उन्हें जम्मू के प्रीतनगर जाना था लेकिन उन्हें लखनपुर से आगे नहीं जाने दिया गया। जिस पर वधु पक्ष को यहीं बुलाकर शादी कर ली। इसके अलावा तरसेम चंद तरनतारन से बरात लेकर आरएसपुरा जा रहे थे और पठानकोट समेत अन्य जिलों से भी आए दूल्हों ने भी लखनपुर में अपनी दुल्हन को वरमाला पहनाई।