नई दिल्ली / देश में एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है | भारतीय मौसम विभाग ने अगले 5 दिन तक पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने भी चेतावनी जारी कर कहा है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले 24 घंटे के दौरान नई मानसूनी हवाओं का सिस्टम बन सकता है। इस सिस्टम के कारण मानसून के इस बार अपने अनुमानित समय से 15-20 दिन देरी से लौटने के आसार बन गए हैं।
मौसम एजेंसियों ने अलर्ट में कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र का असर काफी हद तक दिखाई देगा | मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, अगले 12 घंटे के दौरान पर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, विदर्भ, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, तेलंगाना, तटीय आंध्र, तटीय कर्नाटक, केरल, रायलसीमा, कोंकण और गोवा में अगले 12 घंटे में अलग-अलग स्थानों पर हल्की गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। साथ ही मौसम विभाग ने अगले 3-4 दिन के दौरान पश्चिम बंगाल के हिमालयी हिस्से, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के अलग-अलग स्थानों पर भी भारी बारिश होने के आसार जताए हैं।
स्काईमेट ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे सटे ओडिशा के इलाकों में विकसित हो रहा है। इसके चलते तकरीबन दो सप्ताह तक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से नई मानसूनी हवाएं गंगा के मैदानी भागों चलती रहेगी | इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर राजस्थान तक मानसूनी हवाएं चलती रहेंगी। इसका सीधा असर उत्तर भारत से मानसून की वापसी पर पड़ेगा। अमूमन दिल्ली से 21 सितंबर को वापस लौटने वाला मानसून इस बार 15 दिन देरी से लौटेगा। इसका असर उत्तर भारत में मानसूनी बारिश पर दिखाइ देगा, जो अक्तूबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक जारी रह सकती है।
स्काईमेट के आकलन के मुताबिक, नए सिस्टम के कारण बहने वाली पूर्वी मानसूनी हवाओं का असर 13 से 18 सितंबर के बीच मध्य व उत्तर भारत के राज्यों पर रहेगा। इसके असर से 14 और 15 सितंबर को महाराष्ट्र तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में भारी बारिश होगी तो 16 से 18 सितंबर के बीच उत्तरी मध्य प्रदेश व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में भारी बारिश दर्ज की जाएगी। सितंबर में इस बार पहले 10 दिन के दौरान सामान्य से 29 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन स्काईमेट के वैज्ञानिकों का कहना है कि आगामी दिनों में लगातार दो मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर बनने वाले हैं, जिससे बारिश की यह कमी दूर हो जाने के आसार हैं।