
महासमुंद / रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के स्कूलों में शिक्षकों के शराब पीकर उपस्थिति दर्ज कराने के कई संगीन मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन अब इस कड़ी में केंद्रीय विद्यालय महासमुंद का नाम भी जुड़ गया है। यहां एक असिस्टेंट कमिश्नर ने स्कूल स्टाफ की मीटिंग में जमकर बवाल मचाया। उनकी कथित गुंडागर्दी, धमकियों और गाली-गलौज से शिक्षक और अभिभावक स्तब्ध हैं। एक शिक्षक ने तो आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नाराज़ अभिभावकों और पीड़ित शिक्षकों के परिजनों ने असिस्टेंट कमिश्नर के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

महासमुंद स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का यह मामला अब सुर्खियों में है। रायपुर परिक्षेत्र में पदस्थ असिस्टेंट कमिश्नर विवेक कुमार चौहान की कार्यप्रणाली को लेकर स्कूल स्टाफ आक्रोशित है। पीड़ित स्टाफ अब यह कहने से नहीं हिचक रहा कि केंद्रीय विद्यालयों में भी अब आम स्कूलों जैसी “मदहोशी की बयार” बहने लगी है।

मीटिंग में गाली-गलौज और धमकियां
ताज़ा मामला रविवार का है, जब रायपुर परिक्षेत्र के असिस्टेंट कमिश्नर विवेक कुमार चौहान पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय महासमुंद पहुंचे थे। उन्होंने स्कूल स्टाफ के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की। बैठक से पहले उन्होंने स्कूल परिसर का निरीक्षण भी किया था। लेकिन अब उनकी इस बैठक को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।मीटिंग में मौजूद स्टाफ के मुताबिक, असिस्टेंट कमिश्नर की भाषा में न केवल गाली-गलौज और अपशब्द शामिल थे, बल्कि वे लगातार फ़िल्मी डायलॉग की शैली में धमकियां भी दे रहे थे। स्टाफ का कहना है कि वे या तो मदहोशी में थे, या फिर किसी नशे में धुत होकर मीटिंग लेने आए थे।
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शिक्षक को अपमानित कर दिया इस्तीफा
मीटिंग में उनके अशोभनीय व्यवहार के कारण एक शिक्षक ने क्षुब्ध होकर इस्तीफा दे दिया है। पीड़ितों का कहना है कि यह पहला मौका है जब किसी वरिष्ठ अधिकारी ने शिक्षकों का सार्वजनिक रूप से इतना अपमान किया हो।फिल्मी डायलॉग से मीटिंग की शुरुआत
शिक्षकों के अनुसार, असिस्टेंट कमिश्नर ने मीटिंग की शुरुआत फिल्म तिरंगा के डायलॉग की तर्ज पर करते हुए कहा,
“मैं पहले मुलाकात करता हूँ, फिर बात, और उसके बाद… समझ जाओ… लात! मुलाकात भी हो गई, बात भी आप सभी से हो गई, अब… लात पड़ेगी। नौकरी करनी है तो ठीक, नहीं तो रास्ता नापो, VRS लो। किसका नमक खाते हो? KVS का? नमकहरामो!”

दिव्यांग शिक्षक को भी नहीं बख्शा
एक दिव्यांग प्राथमिक शिक्षक को खड़ा कर उन्होंने कहा, “डायरी कहाँ है तेरी? लेसन क्यों नहीं लिखा?” शिक्षक ने बताया कि डायरी उन्हें कल ही स्कूल से मिली है। इस पर असिस्टेंट कमिश्नर ने कहा, “अधिकारी है तू? डायरी नहीं लिखेगा? नहीं मिलेगी तो?”
शिक्षक ने जवाब दिया कि नए ब्रिज कोर्स की किताब अभी आई नहीं है, इसलिए पुराने पाठों का रिवीजन चल रहा है। इस पर असिस्टेंट कमिश्नर भड़क उठे और कहा, “तो तू लिख कर दे कि आधी तनख्वाह काट लो, तूने आधा काम किया है।”
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शालीन कपड़े पहनने पर भी अपमान
एक अन्य शिक्षक को खड़ा कर उनके कपड़ों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “ये कैसे कपड़े पहनकर आया है? हीरो बनता है क्लास में?” जबकि शिक्षक ने शालीन पैंट-शर्ट पहनी थी और रविवार की छुट्टी के बावजूद मीटिंग के लिए विशेष तैयारी की थी। उनकी आंखें यह सब सुनकर नम हो गईं।
व्यक्तिगत अपमान और भद्दे मजाक
एक अन्य शिक्षक से उन्होंने नाम पूछकर कहा, “क्या नाम है?”
शिक्षक – “सीताराम पटेल”
असिस्टेंट कमिश्नर – “तुझे किससे डर लगता है रे? तू टॉयलेट में हनुमान चालीसा का पाठ करता है क्या?”
शिक्षक – “समझा नहीं सर?”
असिस्टेंट कमिश्नर ने प्राचार्य की ओर देखकर कहा, “इसको समझ में नहीं आया? इस साले को समझा देना। इसका इलाज करो आप।”
गालियों से भरी मीटिंग का अंत
मीटिंग का अंत भी अभद्र भाषा और धमकियों के साथ हुआ। जाते-जाते उन्होंने कहा,
“अब मैं बार-बार आऊंगा। अब लात खाने को तैयार रहना। अब सर से पानी ऊपर हो गया है, लात-घूंसे चलाने पड़ेंगे।”
अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत
घटना की जानकारी मिलते ही शिक्षकों के परिजन और कई अभिभावक आक्रोशित हैं। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और इस संबंध में सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भी शिकायत भेजी गई है।
किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं देखा
पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि अपने करियर में उन्होंने कभी किसी वरिष्ठ अधिकारी को इस तरह से शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते नहीं देखा। विवेक कुमार चौहान के व्यवहार ने न केवल शिक्षक समुदाय को अपमानित किया, बल्कि केंद्रीय विद्यालय की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्राचार्य और असिस्टेंट कमिश्नर से संपर्क असफल
न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ द्वारा इस घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय विद्यालय महासमुंद के प्राचार्य और असिस्टेंट कमिश्नर विवेक कुमार चौहान से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।