Saturday, September 21, 2024
HomeNationalManipur Violence: नेताओं के घरों में आग, सरेआम गोलीबारी और खूनी झड़प-...

Manipur Violence: नेताओं के घरों में आग, सरेआम गोलीबारी और खूनी झड़प- मणिपुर हिंसा से जुड़ी 10 बड़ी बातें

Manipur Violence: मणिपुर में हालात लगातार बेकाबू होते दिख रहे हैं, दो समुदायों के अधिकारों को लेकर शुरू हुई इस लड़ाई में लगातार हिंसा हो रही है और अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. तमाम सुरक्षा व्यवस्था और हजारों सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद हालात पर काबू नहीं पाया जा सका है. रोजाना मणिपुर के अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. उपद्रवी अब नेताओं के घरों को निशाना बना रहे हैं और उन्हें आग के हवाले किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि इस हिंसा में अब तक क्या-क्या हुआ और अब तक के क्या 10 बड़े अपडेट हैं.

  • गुरुवार 15 जून को मणिपुर के इंफाल में कुछ लोगों ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला कर दिया और आग लगा दी. हालांकि इस दौरान केंद्रीय मंत्री अपने घर पर नहीं थे. उपद्रवियों ने न्यू चेकऑन में दो और घरों में भी आग लगाई.
  • इससे पहले इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास में आग लगा दी थी. पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद इस घटना को अंजाम दिया गया.
  • बुधवार 14 जून को जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर के खमेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध बदमाशों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और 10 घायल हो गए. इसी के बाद कुकी समुदाय की नेता किपगेन के आवास में जब आग लगाई गई.
  • मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के बीच विपक्ष भी केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया. खरगे ने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए लुक ईस्ट की बात करने वाले पीएम की मणिपुर में जारी हिंसा पर खामोशी लोगों के घाव पर नमक रगड़ने जैसा है.
  • मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति का गठन किया गया था, समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और तमाम राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. इस कमेटी में रिटायर्ड ब्यूराक्रेट, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
  • मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि पूरे राज्य में इंटरनेट पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है और उपद्रवियों से सख्ती के साथ निपटने के निर्देश दिए गए हैं.
  • एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा हजारों लोगों को जान बचाने के लिए विस्थापित होना पड़ा है.
  • मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसा शुरू हुई थी. इसके बाद से ही गोलीबारी और आगजनी की घटनाएं हर दूसरे दिन हो रही हैं.
  • मेइती समुदाय का आरोप है म्यांमार से आने वाले लोग आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर आतंकवाद फैला रहे हैं. वहीं आदिवासी संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार मेइती समुदाय के साथ मिलकर उन्हें प्रताड़ित कर रही है. मणिपुर हिंसा में दोनों पक्षों के सैकड़ों घरों को फूंक दिया गया है, जबकि कई निर्दोषों की निर्मम हत्या भी हुई है.
  • मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदाय की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
bureau
bureau
BUREAU REPORT
RELATED ARTICLES

Most Popular

spot_img