छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के खिलाफ एफआईआर, अब ईओडब्लू मे 420, एंटी करप्शन एक्ट समेत कई धाराओं में अपराध दर्ज, दागी IPS अधिकारियों की बारी कब ? महादेव ऐप घोटाले का वांटेड नंबर 1 जल्द होगा गिरफ्तार…

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रायपुर: दिल्ली छत्तीसगढ़ भूपे नंबर 1 पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है आरोपी बघेल का नाम ईडी और ईओडब्लू की वांटेड लिस्ट में शामिल हो गया है और एजेंसियों को उसकी तलाश है । दिल्ली, महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ एमपी , आंध्रप्रदेश समेत कई राज्यों में अंजाम दिए गए महादेव ऐप घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के खिलाफ ईओडब्लू में एफआईआर दर्ज की गई है , मामला महादेव ऐप बैटिंग घोटाले का है । आर्थिक अपराध अनुसन्धान ब्यूरो ने बघेल के अलावा एक दर्जन से ज्यादा सटोरियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है । एफआईआर में धोखाधड़ी , आपराधिक साजिश , विश्वासघात और अवैध वसूली समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत अपराध पंजिबद्ध किया गया है।

दुबई में गिरफ्तार सौरभ चंद्राकर , शुभम सोनी समेत कई ऐप प्रमोटरों ने भूपे बघेल को सालाना करोड़ों की रिश्वत सौपी थी । इसके बदले भूपे सरकार महादेव ऐप को गैर कानूनी संरक्षण प्रदान करती थी । हाल ही के विधानसभा चुनाव में भूपे के ड्राइवर सुमित दास के माध्यम से रवि उत्पल ने भी बघेल को 508 करोड़ की रकम सौपी थी।

इस रकम से मात्र 8 करोड़ रूपए ही ईडी ड्राइवर के पास से नगद जब्त कर पाई थी । यह रकम भूपे के करीबी ड्राइवर सुमित दास उर्फ़ बप्पा की गाड़ी से बरामद किए गए थे । बताते हैं कि बघेल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में एजेंसियों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैँ। भूपे के अलावा 16 अन्य लोगों का नाम भी एफआईआर मे दर्ज किया गया है।

इस एफआईआर मे दागी आईपीएस अधिकारियों का नाम नही होने के चलते , मामला राजनैतिक रंग लेने लगा है । दरअसल इसी साल जनवरी माह में 8 और 30 तारीख को ईडी ने 2 बार शिकायती पत्र ईओडब्लू को भेज कर लगभग 70 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे , इसमे आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैँ । उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज नही होने से ईओडब्लू विवादों मे है।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील होने के चलते आरोपी भूपे बघेल की गिरफ्तारी की भी संभावना जताई जा रही है, फिलहाल वो राजनांदगाव लोकसभा सीट से भाग्य आज़मा रहे हैँ । सूत्र बताते हैं ईओडब्लू और ईडी दोनो ही जांच एजेंसियों की लिस्ट में आरोपी भूपे बघेल वांटेड नंबर वन है।

यह भी बताया जा रहा है कि करीब 6 हजार करोड़ के महादेव ऐप घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए वरिष्ठ अफसरों और केंद्रीय एजेंसियों की ज़रूरत है । दरअसल राज्य की पुलिस और कई बड़े नौकरशाह इस घोटाले मे शामिल हैँ । लिहाजा सूत्र बताते हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार घोटाले की CBI से जांच कराने पर भी विचार कर रही है।