भारत का कर्ज घटा, राजकोषीय घाटा कम
रायपुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (18 अगस्त) को लोकसभा में बताया कि सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में केंद्रीय कर्ज लगातार कम किया है। कोविड-19 महामारी के समय 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 61.4 प्रतिशत था, जो 2025-26 के बजट अनुमान में घटकर 56.1 प्रतिशत रह गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च, 2031 तक केंद्रीय कर्ज GDP के लगभग 50% तक पहुंचे। वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में कुल बकाया कर्ज अनुमानित रूप से 185.94 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 157.11 लाख करोड़ रुपये आंतरिक कर्ज, 8.74 लाख करोड़ रुपये बाह्य ऋण और शेष 20.09 लाख करोड़ रुपये अन्य सार्वजनिक लेखा देनदारियां शामिल हैं।
भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक आपूर्ति बाधाओं के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है। 2024-25 में वास्तविक GDP की वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही।
राजकोषीय घाटा और मुद्रास्फीति में कमी
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2020-21 में GDP के 9.2% से घटकर 2024-25 में 4.8% और 2025-26 में 4.4% रहने का अनुमान है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2024-25 में 4.6% रही, जबकि अप्रैल-जुलाई 2025 में यह घटकर 2.4% हो गई।
निर्यात और विदेशी मुद्रा भंडार
वैश्विक व्यापार में मंदी के बावजूद, भारत का निर्यात 824.96 बिलियन डॉलर तक पहुंचा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात में 5.46% की वृद्धि हुई। विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से अधिक के माल आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
समाज के कमजोर वर्गों के लिए ठोस कदम
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई योजनाओं के माध्यम से सहायता सुनिश्चित की है, जैसे:
दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
मनरेगा
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना
स्टैंड अप इंडिया योजना
