नई दिल्ली / अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया है। उनके खिलाफ 232 वोट पड़े है। इसमें 10 रिपब्लिकन भी है जबकि ट्रंप के समर्थन में 197 वोट आये। महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद 19 जनवरी को अमेरिकी सीनेट कोई बड़ा फैसला ले सकती है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि ट्रंप की मुश्किले बढ़ सकती है। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। हालाँकि प्रस्ताव पारित होने के बाद ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति बनाये रखने की अपील की है। अपने कार्यकाल में ट्रंप को दूसरी बार महाभियोग का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रपति ट्रंप के महाभियोग पर बहस के दौरान अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैन्सी पलोसी ने कहा कि हम जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस विद्रोह, देश के खिलाफ इस सशस्त्र विद्रोह को उकसाया। उन्हें पद से हटना चाहिए। साफ है कि वह देश के लिए खतरा हैं। हाउस के प्रमुख नेता होयर का कहना है कि वह महाभियोग के लिए आर्टिकल को अमेरिकी सीनेट को तुरंत भेजेंगे।
इसके बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति डोनोल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए सत्र की कार्यवाही शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सीनेट में एक तिहाई सांसद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर मुहर लगा सकते है। दरअसल पिछले सप्ताह अमेरिकी संसद परिसर में हिंसा में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर अमेरिका के निचले सदन में उन पर महाभियोग के लिए वोटिंग हुई थी। डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति ट्रंप पर संसद पर हमला करने के लिए अपने समर्थकों को उकसाने का आरोप लगाया। इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई थी।
ताजा जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए सदन के पास पर्याप्त मत हो चुके हैं। यह दूसरी बार है जब अमेरिकी सदन के अधिकतर सदस्यों ने ट्रंप पर दोबारा महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया है। यानी ट्रंप अमेरिका के इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके खिलाफ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया।
ताजा खबरों के मुताबिक 232 डेमोकेट्स सांसद के साथ-साथ 10 रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया है। जबकि उनके समर्थन में सिर्फ 197 सांसदों ने मतदान किया।
महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग के साथ ही ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन जाएंगे जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया। बहरहाल, सांसदों जैमी रस्किन, डेविड सिसिलिने और टेड लियू ने महाभियोग का प्रस्ताव तैयार किया है जिसे हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के 211 सदस्यों ने सह-प्रायोजित किया | महाभियोग के प्रस्ताव को सोमवार को पेश किया गया था | महाभियोग प्रस्ताव में ट्रंप पर छह जनवरी को ‘राजद्रोह के लिए उकसाने’ का आरोप लगाया गया है। महाभियोग प्रस्ताव में कहा गया था कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को संसद भवन की घेराबंदी के लिए उकसाया था। इससे इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती में बांधा पड़ी। लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई। फ़िलहाल दुनिया की निगाहे 19 और 20 जनवरी पर टिकी हुई है। आखिर इस दिन सत्ता परिवर्तन और राष्ट्रपति पद की बागडोर जो बाइडेन के हाथों में जाने के दौरान होता क्या है ?