रायपुर / संस्कृति मंत्रीअमरजीत भगत ने अपने निवास कार्यालय में संस्कृति विभाग के कामकाज की समीक्षा की। भगत ने संस्कृति संचालनालय में फिल्म विकास निगम का सेल गठित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। भगत ने अधिकारियों को कहा कि सेल में प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही आवश्यक कम्प्यूटर आदि उपकरण की भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि पुरखौती मुक्तांगन के समीप लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में फिल्म सीटी का निर्माण किया जाएगा। फिल्म नीति लगभग बन कर तैयार है और उसका परीक्षण किया जा रहा है। भगत ने फिल्म बनाने के लिए अन्य राज्यों से आने वालों को सुविधा देने की भी बात कही है। फिल्म निर्माण के लिए जरूरी गायन, वादन, अभिनय, लाईट, साउण्ड, कैमरा आदि का प्रशिक्षण राज्य के कलाकारों को कौशल विकास योजनाओं से जोड़कर दिया जा सकता है। इसके लिए खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय और रायपुर के कमला देवी संगीत महाविद्यालय से भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्म को बाजार मिले इसके लिए राज्य के जिन जिलों में सिनेमा घर नहीं है, वहां भी सिनेमा दिखाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
भगत ने राज्य के प्राईमरी स्कूल के पाठ्य पुस्तकों में राष्ट्रगान: जन गण मन… के समान ही छत्तीसगढ़ की राज्यगीत अरपा पैरी के धार… को भी शमिल करने का प्रस्ताव बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। भगत ने कहा कि राज्य के कलाकारों के लिए मानदेय निर्धारण के लिए समिति गठित की जाए और समिति में राज्य के कलाकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए। भगत ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में होने वाले आयोजनों की सूची तैयार करने कहा है। उन्होंने मैनपाट महोत्सव के लिए भी तैयारी करने कहा है। श्री भगत ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए राज्य के रतनपुर, डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा, भोरमदेव, राजिम, सिरपुर आदि महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में पोस्टर आदि लगाने की बात कही। भगत ने संस्कृति विभाग की बजट, निर्माण कार्य, पुरखौती मुक्तांगन में विकास कार्य आदि की समीक्षा की। बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक अनिल कुमार साहू सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।