
बॉलीवुड में कई कलाकार हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और स्टाइल दोनों से दर्शकों का दिल जीता, लेकिन 70-80 के दशक में फिरोज खान एक ऐसे स्टार थे जो अपनी काउबॉय वाली छवि के लिए जाने जाते थे। उन्होंने लंबे समय तक सेकेंड लीड की भूमिका निभाई, लेकिन एक फिल्म में विलेन बनकर उन्होंने अपनी जगह इंडस्ट्री में पक्की कर ली।
फिल्मी करियर और सफलता
फिरोज खान का करियर 1960 में फिल्म दीदी से शुरू हुआ। शुरुआती दौर में सेकेंड लीड रोल में रहते हुए उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की। साल 1969 में फिल्म आदमी और इंसान के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। इसके बाद उनकी हिट फिल्मों में मेला, धर्मात्म, कुर्बानी, जांबाज, और दयावान शामिल हैं। आखिरी बार उन्हें 2007 में फिल्म वेलकम में देखा गया।
पर्सनल लाइफ और विवाद
फिरोज खान ने 1965 में सुंदरी नामक तलाकशुदा महिला से शादी की और उनके दो बच्चे भी हुए। इसके बाद उन्होंने एयरहोस्टेस ज्योतिका धनराजगीर के साथ दस साल तक रिश्ता निभाया। हालांकि दोनों का रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचा और फिरोज खान वापस अपनी पत्नी और बच्चों के पास लौटे, लेकिन पत्नी ने तलाक ले लिया।
अंतिम दिनों तक बॉलीवुड की छाप
फिरोज खान न केवल बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि निर्माता और निर्देशक भी थे। उनका जन्म 25 सितंबर 1939 को बेंगलुरु में हुआ। उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई और 2009 में कैंसर से उनका निधन हो गया। आज भी उन्हें बॉलीवुड के स्टाइल आइकन और काउबॉय हीरो के रूप में याद किया जाता है।