Site icon News Today Chhattisgarh

बिना बेहोश किए महिलाओं की नसबंदी, जबरन हाथ-पैर बांधकर डॉक्टरों ने कर दिया ऑपरेशन, महिलाएं रोती-चिल्लाती रही, पीड़ितों के परिवार ने की जाँच की मांग

पटना : ऑपरेशन टेबल पर दर्जनों महिलाएं चीख – चिल्ला रही थी, उनकी आवाज़ बाहर तक सुनाई भी दे रही थी। सफ़ेद पट्टियो से कई महिलाओं के हाथ – पैर भी बांधे गए थे। कई ग्रामीणों ने इस नज़ारे को देखा। वे नसबंदी का कोई नया नुस्खा समझ बैठे। जब पीड़ित महिलाएं बाहर आई, तो उन्होंने परिजनों से शिकायत की कि बगैर बेहोश किये ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया था। घटना के बाद बवाल मचा। लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली। 

मामला बिहार के खगड़िया जिले के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। यहां परिवार नियोजन कराने आई कई महिलाओं को बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिए ही जबरन ऑपरेशन कर दिया गया। महिलाएं रोती-चिल्लाती रही, लेकिन उनका हाथ-पैर पकड़कर डॉक्टर और स्टाफ ऑपरेशन करता रहा। पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उनका जबरन हाथ, पैर पकड़ा फिर मुंह बन्द करके ऑपरेशन किया। 

बताया जाता है कि ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट नाम की प्राइवेट एजेंसी ने महिलाओं की नसबंदी का शिविर लगाया था। इसके लिए कई महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कर अपना ऑपरेशन कराया। बता दें कि इसी महीने जिले के परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी। ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट के कर्मियों से इस बारे में कई प्रयासों के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। बताया जाता है कि कम्पनी को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। 

यह भी बताया जा रहा है कि परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन के ऑपरेशन से पूर्व फर्श पर घंटों लिटाया गया था।  कहा जा रहा है कि परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी प्राइवेट एजेंसी को परिवार नियोजन ऑपरेशन का ठेका मिला है। इस तरह से महिलाओं की जिंदगी दांव पर लगा कर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग जोर पकड़ रही है। जानकार चिकित्सकों की माने तो इस तरह से ऑपरेशन कराने से इंफेक्शन और दर्द से महिलाओं की मौत भी हो सकती है। उधर बवाल मचने के बाद  PHC प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सिविल सर्जन डॉक्टर अमरनाथ झा का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी। 

Exit mobile version