जेल में भी इस बाहुबली का खौफ, जेल अधिकारी कहने लगे भले सस्पेंड कर दो पर बांदा मत भेजो, हिम्मत के साथ डटे हैं मौजूदा अधिकारी, आखिर क्यों पोस्टिंग लेने में आनाकानी कर रहे अधिकारी…

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बांदा:- उत्तर प्रदेश में एक ओर डॉन, गैंगेस्टर और माफियाराज खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन रात एक किए हुए हैं. वहीं बांदा जेल में पदस्थ कई अफसर अपने ट्रांसफर को लेकर हांथ पैर मार रहे हैं. वो जल्द यहाँ से नई पोस्टिंग की जुगत में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं. हालांकि चंद ऐसे अफसर भी हैं जो पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हैं. ना तो उन्हें गैंगेस्टर का डर हैं और ना ही किसी डॉन या माफिया का. तारीफ़ करनी होगी ऐसे अफसरों की जो मूंछो पर ताव देकर हर हालात का सामना करने को तैयार हैं. चर्चा उन अफसरों की हो रही हैं जो मारे डर के बांदा जेल में तैनात होने से बचना चाह रहे है. अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए ऐसे जेल अधिकारी लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे है। इस बीच महकमे में एक ऐसे अफसर की चर्चा जोरो पर हैं जिसने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई की भले ही हमें सस्पेंड कर दो साहब लेकिन बांदा जेल मत भेजो.

बताया जाता हैं कि बांदा जेल में ट्रांसफर पोस्टिंग से पीछे हटने वाले ये अकेले साहब नहीं हैं बल्कि पहले भी लगभग आधा दर्जन अफसर तैनाती को लेकर कन्नी काट चुके हैं. उधर बांदा जेल में जिस बाहुबली के खौफ की वजह से अफसर अपनी पोस्टिंग से आनाकानी कर रहे हैं. उसी बाहुबली के करीबी आरोप लगा रहे हैं कि जेल अफसरों की वजह से जनाब की जान जोखिम में हैं. ऐसे में किसको किसका खौफ हैं वरिष्ठ अफसर की समझ से परे हैं.

बांदा जेल का हाल ये हैं कि बीते 8 महीने से सीनियर सुपरिंटेंडेंट रैंक के अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हो पाई हैं. इसके चलते जेल अब जेलर के हवाले है. बताया जाता हैं कि इस पद पर तीन अलग अलग अधिकारियों की पोस्टिंग की गई थी. लेकिन किसी भी अधिकारी ने ज्वाइन नहीं किया.

यूपी में जेलों की सुरक्षा सवालों के घेरे में हैं. बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद चित्रकूट जेल में मुकीम काला, अंशु दीक्षित और और मुख्तार के गुर्गे मेराज की हत्या हो चुकी है. यूपी की जेलों में हुए इन हाई प्रोफाइल हत्याकांड के बाद से लगातार सुरक्षा पर सवाल खड़े होते रहे हैं. ऐसे में हाल ये है कि यूपी की सबसे संवेदनशील जेल बांदा में अब कोई अधिकारी पोस्टिंग नहीं चाहता. चर्चा है कि अधिकारी अफसरों के सामने कह रहे हैं कि भले सस्पेंड कर दो पर बांदा मत भेजो. यह भी बताया जा रहा हैं कि अफसरों में खौफ की वजह मुख्तार अंसारी हैं.

जानकारी के मुताबिक़ अंसारी को  6 अप्रैल 2021 की सुबह 4 बजे पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल की बैरक नंबर-16 में शिफ्ट किया गया था. तभी से बांदा जेल से अफसर दूरियां बनाने लगे हैं. लेकिन इतनी संवेदनशील जेल में एक जेलर और दो डिप्टी जेलर ही हैं. मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने के बाद से शासन ने तीन अफसरों को जेल अधीक्षक के पद पर भेजा लेकिन किसी ने भी ज्वाइन नहीं किया. इंतज़ार हो रहा हैं कि आखिर कब साहब अपनी कुर्सी पर नज़र आएगें.