
रायपुर / भिलाई : – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की सालाना कमाई सुनकर आप हैरान हो जायेंगे | यह कोई काल्पनिक कमाई नहीं बल्कि प्रदेश की आम जनता के सामने शराब घोटाले का वो काला सच है, जिसे ED उजागर करने में जुटी है | इस बीच चैतन्य बघेल की चल -अचल संपत्ति और कारोबार की असलियत भी सामने आ गई है | मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठने के बाद भू -पे बघेल की प्रतिमाह कमाई का आंकड़ा हैरान करने वाला बताया जाता है | 3200 करोड़ के शराब घोटाले के उजागर होने के बाद आरोपी बाप -बेटे की रोजाना की कमाई का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि चैतन्य बघेल को अकेले ही आबकारी विभाग से सालाना 1 हजार करोड़ की कमाई होती थी | उनके ठिकानो पर यह रक़म बैठे – बिठाए पहुंचाई जाती थी | जबकि चैतन्य बघेल न तो शराब ठेकेदार है और न ही कोई अधिकारी या कमीशन एजेंट | इसके बावजूद उनके ठिकाने पर समय – समय पर बोरे की बोरे नगदी पहुंचाने के मामले के पुख्ता सबूत एजेंसियों के हाथ लगे है | इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री का कुनबा काली कमाई को पुस्तैनी और बेंको से प्राप्त लोन से कमाई गई सम्पति साबित करने के लिए जोर – शोर से राजनैतिक प्रयास कर रहा है |

जाँच एजेंसियां बघेल परिवार की आमदनी का पहाड़ देखकर हैरान है, वही पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी टोली ED पर दबाव बनाने के लिए अपनी पूरी ताक़त झोक रही है | इस बीच बघेल के दावे भी कम रोचक नहीं बताए जा रहे है | उन दावो पर यकीन करे तो पूर्व मुख्यमंत्री के खेत -खलियानो में ”आलू से सोना” बनाने की चमत्कारिक मशीन स्थापित की गई है | शराब घोटाले को काल्पनिक करार दिए जाने के कांग्रेस के आरोपों की तर्ज पर यह मशीन काल्पनिक नहीं बल्कि हक़ीक़त से भरी बताई जा रही है | इस मशीन में पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार आलू डालकर सोना बनाता था | फिर मेहनत -मजदूरी कर इस सोने को बाजार में बेचकर लाभ कमा रहा था | आखिर किन श्रोतो से चैतन्य बघेल छप्पर फाड़कर काली कमाई कर रहे थे, इसका खुलासा ED की पड़ताल में सामने आया है | प्रवर्तन निर्देशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र का काला चिटठा खोलकर रख दिया है | सबूतों के सार्वजानिक होने के बाद बघेल का पारा सातवें आसमान पर बताया जा रहा है |

ED सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जड़े पूर्व मुख्यमंत्री के तत्कालीन सरकारी आवास से लेकर भिलाई के पाटन स्थित फार्महाउस तक फ़ैली बताई जा रही है | इसके मुताबिक चैतन्य बघेल पूरे 5 साल तक शराब घोटाले की हिस्सेदारी वसूलते रहे | इन वर्षो में उनकी कई बोगस कंपनियां और लाभांश सामने आया है | उन्हें एक कंपनी से 13 करोड़ का लाभ प्राप्त हुआ है | यह कंपनी सिर्फ कागजो में दर्ज बताई जाती है, जो शराब सिंडिकेट की मदद करने के लिए अस्तित्व में लाई गई थी |

शराब घोटाले में जाँच में जुटी ईडी की ओर से कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आये है | भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ़्तारी के बाद ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने पूर्व मुख्यमंत्री का रहस्य्मय काला चिटठा खोला है | उन्होंने बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी अभी तक के मिले सबूतों के आधार पर की गई है। ईडी का आरोप है शराब घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आने के बाद पूछताछ जारी है, उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है।

उनके मुताबिक ईडी इस मामले में लगातार साक्ष्य एकत्र कर रही थी। इसी प्रक्रिया में कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि चैतन्य बघेल भी शराब घोटाले में शामिल थे | उनके मुताबिक आरोपी ने अपराध की आय से स्वयं को आर्थिक रूप से लाभान्वित किया है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि उन्होंने लगभग 13 करोड़ रुपये का सीधा लाभ प्राप्त किया और करीब 1000 करोड़ रुपये की अपराध की आय को इधर-उधर करने में सिंडिकेट की मदद की है। ब्लैक मनी को वाइट मनी में तब्दील किये जाने को लेकर आरोपी ने कई लोगों को बिना ब्याज के मोटा लोन दिया था | उनके मुताबिक
चैतन्य बघेल की दो प्रमुख कंपनियां बघेल एसोसिएट्स और बघेल बिल्डकॉन के माध्यम से यह ग़ैरकानूनी गतिविधियां संचालित की गई हैं। सौरभ पांडेय ने अभी तक की जाँच का हवाला देते हुए कहा कि चैतन्य ने सहेली ज्वेलर्स और ढिल्लन सिटी मॉल लिमिटेड के साथ मिलकर मनी साइफनिंग का नुस्खा अपनाया था। इस कमाल की टेक्निक पर चर्चा करते हुए पांडेय ने बताया कि आरोपी ने ख़ास मकसद से यह तरीका आजमाया था | इसमें किसी शख्स को नकद में लोन देना, फिर उस लोन को वापस न लेना और उस पर ब्याज भी न दिखाना जैसे आर्थिक अपराध अंजाम दिए गए थे।

ईडी के वकील ने बताया कि आरोपी पप्पू बंसल का जो स्टेटमेंट सामने आया है, हमारे पास है, उसमें बंसल ने कई ट्रांजेक्शन का खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि चैतन्य बघेल के पास उस चैनल से पैसा आता था, और जिसे भी ये डील करते थे। उनके मुताबिक यह अभी तक की जांच में लगभग 13 करोड़ के आसपास का लाभ आरोपी के लेखे -जोखे में बिल्कुल सही रूप से दिखाई पड़ रहा है, जिससे चैतन्य बघेल लाभान्वित हुए हैं। उधर ED दफ्तर में बेटे चैतन्य बघेल से मेल -मुलाकात के बाद करप्शन बघेल ने ईडी की जांच को बेबुनियाद बताया है |

ED पर तंज कसते हुए बघेल ने आरोप लगाया कि ” हनुमान जी की पूंछ की तरह ये रकम बढ़ा रहे है ” | उन्होंनेचैतन्य बघेल से मुलाकात के बाद ईडी पर निशाना साधा है | बघेल ने चैतन्य की हौसला अफजाई में कहा कि आज अगर तुम्हारे दादाजी जिंदा होते तो बहुत खुश होते. क्योंकि वे लगातार अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे. आम लोगों के लिए लड़ते रहे. जिस तरह कांग्रेस जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ रही है. उससे यह सरकार डर गई है और इस तरह का काम कर रही है.पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि “हम अंग्रेजों से नहीं डरे तो अडानी से क्यों डरेंगे” | उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो अंग्रेजों से नहीं डरी तो ये अडानी क्या है.बीजेपी सरकार सब कुछ अडानी को देने का काम रही है. हम उसका विरोध कर रहे हैं. अंग्रेजों की कंपनी ईस्ड इंडिया कंपनी थी जो इंग्लैंड की कंपनी थी. यह गुजरात की कंपनी है. हम अडानी के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे | बता दे कि शुक्रवार को ईडी ने कथित शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था | रायपुर की विशेष अदालत ने चैतन्य बघेल को पांच दिनों की ED रिमांड में भेजा है | उनसे पिछले 4 दिनों से पूछताछ जारी है | फ़िलहाल, कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र सरकार और ED के खिलाफ सड़कों पर उतरने का एलान किया है | इस आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी ताकत झोक दी है |