गेंदलाल शुक्ला /
कोरबा। इकलौते बेटे की मौत के सदमें से पूरा परिवार उबर भी नही पाया था कि ठीक 12 दिन बाद पिता ने भी फंदे पर झूलकर अपनी इहलीला खत्म कर ली। मृतक पुत्र के निधन के बाद से काफी गुमसुम रहने लगा था। जानकारी के अनुसार बीते 21 नवम्बर को कुसमुंडा के अंगेश आनन्द साहू पिता छबिलाल साहू ने रायपुर में डंगनिया के शांति विहार कालोनी के एक मकान में खुदखुशी कर ली थी। वह राजधानी रायपुर मे एनआईटी में पढ़ाई कर रहा था। इस घटना के बाद से पेशे से इंजीनियर छबिलाल साहू सदमे में थे।
सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी देर रात छबिलाल साहू ने भोजन उपरांत अपनी पत्नी और बेटी से कहा कि अपने-अपने कमरे में सो जाओ, कल किसी काम से उसे रायपुर जाना है। इसके बाद सभी सोने चले गए। देर रात करीब 1 बजे उसकी पत्नी की नींद खुली। वह उठ कर किचन जाने के लिए कमरे से निकल रही थी। उन्होंने पाया कि उनके कमरे का दरवाजा बाहर से बंद है और खुल नही रहा। इस पर उन्होंने श्री साहू को जोर-जोर से आवाज लगाई। सामने से कोई आवाज नही आने पर क्षेत्र में ही रहने वाले अपने परिचितो को कॉल करके घर बुलाया। कुछ लोग थोड़ी ही देर में वहां पँहुचे और घर के पीछे से देखा तो आंगन में लाइट जल रही थी। वहां छबिलाल साहू का शव आंगन में छत की पाइप से लटका हुआ था। उन्होंने घर के पीछे का दरवाजा तोड़ा और अंदर गए जहां बाहर से बंद कुंडी को खोल कर बेडरूम में बंद पत्नी व बेटी को बाहर निकाला। साहू को फांसी पर लटका देख चीख पुकार मच गयी। लोगों ने कुसमुण्डा पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की छानबीन शुरू कर दी है।