रायपुर:- छत्तीसगढ़ में राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ किसानो में तेज़ी से नाराजगी फ़ैल रही है. धान खरीदी को लेकर मात्र हफ्ते भर की तिथि बढाने से किसानो की चिंताएं बढ़ गई हैं. उनकी मांग है कि धान खरीदी के लिए कम से कम 15 दिनों की अतिरिक्त मोहलत दी जानी चाहिए थी. खराब मौसम के चलते जहाँ धान खरीदी केंद्र बंद रहे वहीं उन्हें भी परेशानी उठानी पड़ी. उधर नवा रायपुर में कांग्रेस के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान किया है. किसानो का यह आन्दोलन नए मोड़ पर आ गया है. पिहले 25 दिनों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानो ने मुख्यमंत्री बघेल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उनके मुताबिक विधानसभा चुनाव के दौरान वोट पाने के लिए कांग्रेस ने उनकी मांगो को जायज़ ठहराया था. लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद उनकी ओर से मुहं मोड़ लिया गया. अब तो पार्टी किसानो के साथ दुर्व्यवहार पर उतर आई है.
नवा रायपुर के एनआरडीए भवन के सामने हज़ारों किसान अपने परिवार के साथ कांग्रेस सरकार को आड़े हांथो ले रहे है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर और किसान नेता परमानंद यादव ने एलान किया कि, 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. इसमें 27 गाँव के किसान शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि आन्दोलन की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है.गांवों के सभी ट्रैक्टर नवा रायपुर की सड़कों पर इकट्ठा होंगे. रूपन चंद्राकर ने दावा किया कि इस रैली में 500 से एक हजार ट्रैक्टर शामिल होंगे. दरअसल इस रैली के जरिए आंदोलनकारी किसान मांगाें को लेकर अपनी ताकत और एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं. आंदोलनकारी किसानों ने बताया कि, नवा रायपुर क्षेत्र के 27 गांवाें के किसान गणतंत्र दिवस धरना स्थल पर ही मनाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और मिठाई वितरण होगा।
किसानो की दलील है कि उनकी बेशकीमती जमीन को राज्य सरकार ने औने पौने दाम में हथिया लिया इस दौरान उंनके साथ किए गए वादों को अब तक निभाया नहीं गया. सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने भी उनकी मांगे स्वीकार करने की बात कही थी लेकिन वो भी अब पल्ला झाड रही है. किसानो की मांग है कि नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यावसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए। भू-अर्जन कानून के तहत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ हैं उन्हें नियमानुसार बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिले।नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आवंटन किया जाए।
पुनर्वास पैकेज.2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाला 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय.विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए। आबादी से लगी गुमटियां, चबूतरे, दुकानें, व्यावसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।
उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों ने आंदोलनकारी किसानों से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा. किसान नेताओं के मुताबिक़ उनके साथ दुर्व्यवहार भी हो रहा है. लिहाजा वे अब अपने रिश्तेदारों से मुख्यमंत्री को पत्र लिखवाने की तैयारी में हैं। इसमें कहा जाएगा कि उनके रिश्तेदार के साथ अन्याय हो रहा है। किसान धरने पर हैं। मुख्यमंत्री उनको न्याय दिलाएं।