एंटरटेनमेंट वेब डेस्क / कोरोना वायरस महामारी के चलते जहां कुछ सेलेब्स घर पर फैमिली के साथ वक्त बिता रहे हैं वही कुछ स्टार्स अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन भी कर रहे हैं | कई स्टार्स कविताएं, पेंटिंग, कुकिंग के माध्यम से अपने क्रिएटिव साइड को एक्सप्लोर कर रहे हैं | हाल ही में फरहान अख्तर ने भी अपनी फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ की एक कविता को कोरोना के प्रभाव के चलते रिक्रिएट किया है और फैंस के बीच भी ये कविता काफी लोकप्रिय हो रही है |
फरहान ने इस कविता को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। इसमें वो कहते हैं, चेहरों पर अपने मास्क पहन रहे हो.. तो जिंदा हो तुम। हाउसपार्टी पर यारों से बात कर रहे हो.. तो जिंदा हो तुम। छीकों के झोकों से दूर रहना सीखो तुम। भीड़ों में शामिल होने को नहीं कहना सीखो तुम। हर इंसान से मिलो तुम बंद किए अपनी बाहें। जो पॉकेट में सेनिटाइजर रख रहे हो तो जिंदा हो तुम। चेहरों पर जो मास्क पहन रहे हो तो जिंदा हो तुम।’ फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में ओरिजिनली इस कविता का इस्तेमाल किया गया था। इसका नाम था – ‘तो जिंदा हो तुम’। इस कविता को जावेद अख्तर ने लिखा था और फिल्म में इसे ऋतिक रोशन पर फिल्माया गया था।
फिल्म में कुछ इस तरह से थी कविता- दिलों में तुम अपनी बेताबियां लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम, नज़र में ख्वाबो की बिजलियां लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम, हवा के झोंकों के जैसे आजाद रहना सीखो, तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो, हर एक लम्हे से तुम मिलो खोले अपनी बाहें, हर एक पल इक नया समां देखें यह निगाहें, जो अपनी आंखों में हैरानियां लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम, दिलों में तुम अपनी बेताबियां लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम।’
फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा का डायरेक्शन फरहान अख्तर की बहन जोया अख्तर ने किया था। फिल्म में उनके अलावा ऋतिक रोशन, अभय देओल, कटरीना कैफ, कल्कि भी थीं। ये साल 2011 में रिलीज हुई थी।