आईपीएल के चीनी कनेक्शन से फैंस खफा, Trending में है शर्म करो BCCI- बॉयकॉट IPL , सोशल मीडिया पर उठी बहिष्कार की मांग , कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखा पत्र

0
5

नई दिल्ली / क्रिकेट के सबसे रोमांचक टूर्नामेंट में से एक कहे जाने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन का रास्ता भले ही साफ हो गया हो, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अड़ियल रुख के चलते उसके बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है | कोरोना  संकट के बीच आईपीएल-2020 सितंबर में होगा | जायज है क्रिकेट के चाहने वालों को यह सबसे बड़ी खबर है, लेकिन BCCI ने चीनी कंपनी के साथ करार तोड़ने से इंकार करके क्रिकेट के इस मिनी कुंभ को खतरे में डाल दिया है | विभिन्न संगठनों ने बोर्ड के इस रुख पर नाराजगी जताई है, वहीं सोशल मीडिया पर भी IPL के बहिष्कार की मांग की जा रही है | 

दरअसल बीसीसीआई ने गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर VIVO के साथ करार नहीं तोड़ने का फैसला किया है और साथ ही अन्य चीनी कंपनियों के करार को भी बरकरार रखने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि जो फैन्स गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद बीसीसीआई से आईपीएल की मुख्य  प्रायोजक चीनी कंपनी वीवो को झटका देने की उम्मीद लगाये बैठे थे, उन्हें खुद बड़ा झटका लगा है। बीसीसीआई ने साफ किया कि मौजूदा वित्तीय कठिन परिस्थितियों को देखते हुए इतने कम समय में बोर्ड के लिये नया प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा इस वजह से सभी प्रायोजकों को बरकरार रखा गया है।

गौरतलब है कि बीसीसीआई को वीवो के साथ हुए इस करार के जरिये एक साल में 440 करोड़ रुपये मिलते हैं। ऐसे में बीसीसीआई की ओर से चीनी कंपनी के साथ संबंध न तोड़ने के फैसले के बाद से ही ट्विटर पर बीसीसीआई और सौरव गांगुली ट्रोल रहे हैं। फैंस ने बीसीसीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि बीसीसीआई शर्म करो। वहीं एक फैन ने कहा कि बीसीसीआई और आईपीएल को अभी भी इस फैसले पर सोचना चाहिए। एक फैन ने लिखा कि देश पहले होता है। बीसीसीआई सिर्फ पैसा कमाना चाहता है। सैनिकों को सम्मान दें और आईपीएल का बहिष्कार करें। वहीं सोशल मीडिया पर यह चाइनीज प्रीमियर लीग के नाम से भी ट्रेंड कर रहा है।

दरअसल लद्दाख हिंसा के बाद से चीनी उत्पादों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है | सरकार ने भी कई चीनी कंपनियों पर कार्रवाई की है | ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि BCCI देशहित में वीवो मोबाइल से नाता तोड़ लेगी |  आपको बता दें कि चीनी कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर है | हालांकि, बोर्ड ने देशहित से ज्यादा पैसों को तवाज्जो दी और अब अपने इसी रुख के चलते उसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | सोशल मीडिया पर लोग हैशटैग boycott IPL के साथ अभियान चला रहे हैं |      

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है. कन्फेडरेशन का कहना है कि BCCI का वीवो से नाता नहीं तोड़ना दर्शाता है कि उसके लिए पैसा ही सबकुछ है |  गौरतलब है कि आईपीएल 19 सितंबर से शुरू हो रहा है. इस साल टूर्नामेंट को यूएई स्थानांतरित किया गया है | दुबई, अबू धाबी और शारजाह में सभी मैच होंगे | 

बात चाहे जो भी हो, लेकिन फैंस यह सवाल उठा रहे हैं कि जब पाकिस्तान से क्रिकेट संबंध तोड़े जा सकते हैं, तो देशहित में BCCI चीनी कंपनी से नाता क्यों नहीं तोड़ सकती? एक रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड ने 2018 में अपनी बैलेंसशीट में नकदी और बैंक बैलेंस मिलाकर पांच हजार करोड़ दर्शाए थे | यानी BCCI के पास पैसों की कोई कमी नहीं है |