भुवनेश्व वेब डेस्क / उड़ीसा में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक इंतेज़ाम किये जा रहे है | राज्य में कोरोना संक्रमित तीन मरीजों का इलाज जारी है | इस बीच एक खबर में लोगों के होश उड़ा दिए है | ये लापरवाही उस शख्स ने बरती जिसके कंधो पर प्रदेश को कोरोना मुक्त रखने की जवाबदारी है | भुवनेश्वर एम्स में डॉक्टरों ने अपने चिकित्सा अधीक्षक पर जानबूझकर बेटे के कोरोना वायरस वाले लक्षण छिपाने का आरोप लगाया है। जिसकी वजह से तीन डॉक्टर एकांतवास, होम क्वारांटाइन में रहने के लिए चले गए हैं। डॉक्टर्स को डर है कि अस्पताल के अन्य स्टाफ भी इसकी चपेट में हो सकते हैं। ओडिशा में चिकित्सा अधीक्षक का 19 साल का बेटा कोविड-19 से संक्रमित होने वाला दूसरा मरीज है। इससे पहले एक रिसर्च स्कॉलर कोरोना पॉजिटिव मिला था जो इटली की यात्रा करके लौटा था।
सरकारी प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने कहा, ‘चिकित्सा अधीक्षक का बेटा ब्रिटेन से लौटा है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। उसके परिवार को घर के अंदर एकांतवास में रहने का आदेश दिया गया है।’ भुवनेश्वर में एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की ओर से कथित तौर पर लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के संदिग्धों और आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक की ओर से घोर लापरवाही की गई।
पत्र में लिखा गया है कि हमारी जानकारी में यह बात आई है कि एक 19 साल के मरीज की विदेश यात्रा की बात छिपाते हुए उसे आइसोलेशन यूनिट में लाया गया और डॉक्टर्स के कमरे में रखा गया। साथ ही मरीज को 12 घंटों के लिए तक भर्ती नहीं किया गया। जब इसके बारे में जानकारी मांगी गई तो आइसोलेशन प्रभारी ने कहा कि यह हाई प्रोफाइल मामला है। उन्होंने मरीज की विदेश यात्रा की बात छिपाते हुए खुद उसकी केस शीट भरी। इससे साफ हुआ कि मामले को छिपाकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है |
ये भी पढ़े : मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बीच सबसे बड़ा सवाल, कौन बनेगा मुख्यमंत्री? सीएम पद की दौड़ में हैं तोमर, शिवराज और नरोत्तम के नाम, भाजपा आज ले सकती है फैसला
पत्र में दावा किया गया है कि मरीज 19 मार्च को कोरोना पॉजिटिव मिला था। ऐसा पाया गया है कि मरीज चिकित्सा अधीक्षक का बेटा है। इस घटना को चिकित्सा और प्रशासनिक लापरवाही करार देते हुए पत्र में कहा गया है कि हमें अपनों ने ही धोखा दिया। पत्र में एक डॉक्टर ने दावा किया है कि इस समय जहां पूरी दुनिया को आगे आने की सलाह दी जा रही है। वहीं वरिष्ठ द्वारा किया गया यह कृत्य शर्मनाक है।