मुख्यमंत्री भूपेश बघेल “सरकार” के खिलाफ आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने खोला मोर्चा | “नौकरशाही” के हावी होने से हुए “नाराज” |

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 “अधिकारी मेरी ना तो सुनते है और ना ही कुछ बताते ” है | आबकारी मंत्री कवासी लखमा की आवाज अपने ही “विभाग” में “नक्कारखाने” में तूती की आवाज की तरह “दब” कर रह गई है |  इसे लेकर उन्होंने अपनी ही सरकार को आड़े हाथो लिया है | 

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का दर्द आखिरकर जुंबा पर आ गया | बिलासपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने अपनी ही सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अधिकारी ना तो उनकी कुछ सुनते है और ना ही कुछ बताते है | अपने ही विभाग में चल रही मनमानी को लेकर आबकारी मंत्री ने एक तरह से अपनी ही “सरकार” पर ना केवल तंज कसा है ,बल्कि सरकार पर हावी होती नौकरशाही को लेकर मोर्चा खोल दिया है | दरअसल किसी भी महत्वपूर्ण फैसलों पर नौकरशाह विभागीय मंत्री को कोई तरजीह नहीं दे रहे है | दैनिक काम -काज के मसले हो ,या फिर ट्रांसफर पोस्टिंग और टेंडर प्रक्रिया | विभाग के किसी भी महत्वपूर्ण कार्य योजना के लिए ना तो मंत्री जी को कोई सूचना प्राप्त हो रही है और ना ही उनसे कोई रायसुमारी की जाती है | इसके चलते मंत्री जी की नाराजगी स्वाभाविक जान पड़ रही है |   

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा  का कहना है कि कार्टून की टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है। यदि शराब की खपत पूर्व की तरह है और कार्टून की संख्या कम हो गई है तो यह घोटाले की ओर संकेत दे रहा है। इसका पता लगाया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। आबकारी मंत्री लखमा दो दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे है । मानिकचौरी में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में उन्होंने भाग लिया । इस दौरान “छत्तीसगढ़ भवन” आयोजित पत्रकारवार्ता में जब मीडिया ने उन्हें याद दिलाया कि बीते दिनों उन्होंने अधिकारियों को “कार्टून टेंडर” को लेकर फटकार लगाई थी । इसके बाद भी अधिकारी आपकी बातों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ? इस पर लखमा ने “हम पता लगाएंगे” कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की | उन्होंने कहा कि अधिकारी उन्हें ना तो कुछ बताते हैं और नहीं किसी तरह की जानकारी देते हैं ।

पत्रकार वार्ता में उन्होंने दावा किया कि आदिवासी विकास को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी दुकान में ज्यादा मात्रा में शराब नहीं दी जा रही है । यदि ऐसा एक भी मामला आता है तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा । बिलासपुर स्थित “वेलकम डिस्लरी” में “अवैध” रूप से महाराष्ट्र में बेचे जाने वाली शराब की “पैकेजिंग और बिक्री” को लेकर बरामद माल को लेकर की जा रही जांच पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि जप्त “महाराष्ट्र ब्रांड” पर अभी फैसला नहीं हो पाया है | अभी जप्त शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है और मामले की जांच कराई जा रही है । उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा । यह भी पता लगाया जाएगा कि आखिर गड़बड़ी कहां से हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है ।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में जिन उद्देश्यों को लेकर उद्योगपतियों को जमीन दी गई है, यदि उसका दुरूपयोग होना पाया गया तो संबंधित उद्योगपति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।  उनके मुताबिक  सभी उद्योगपतियों को स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार देने के निर्देश दिए गए हैं । बहरहाल कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के “नौकरशाही” के हावी होने को लेकर दिए गए बयान से उनके साथ मौजूद कांग्रेसी नेताओ ने भी “हामी” भरकर अपनी ही सरकार पर “निशाना” साधना शुरू कर दिया है |