EOW में बयान दर्ज कराने को लेकर फिर कन्नी कांट गया कुख्यात डीजी मुकेश गुप्ता | एक नए बहाने के साथ ” एक माह की मांगी मोहलत “| इसके पहले भी बयान दर्ज कराने को लेकर आना-कानी कर चूका है यह आरोपी |

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रायपुर | एक जानकारी के मुताबिक 23 जून को छत्तीसगढ़ कैडर के वर्ष 1988 के निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता रायपुर में ही मौजूद थे | उन्हें 24 जून को पुलिस मुख्यालय में उनके खिलाफ जारी एक विभागीय जांच को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी के समक्ष अपने बयान दर्ज कराने थे | इस बीच उन्हें इस बात की भनक लगी की पुलिस मुख्यालय में उन्हें धर दबोचने के लिए दुर्ग पुलिस का एक दस्ता सक्रिय हो गया है | लिहाजा यह कुख्यात आरोपी तुरंत भूमिगत हो गया | अब अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कुख्यात आरोपी नए बहाने लेकर EOW में अपने बयान दर्ज कराने से बच रहा है | गुरुवार दिनांक 27 जून को निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता को अवैध फोन टेपिंग और नान घोटाले को लेकर EOW के मुख्यालय में अपने बयान दर्ज कराने थे | लेकिन एक बार फिर बड़ी चालाकी से यह आरोपी बच निकला | इस बार भी बच निकलने के लिए उसने अपनी बेटी का सहारा लिया है | आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपने वकील के जरिए आवदेन भिजवाया है कि वो अपनी बेटी के दाखिले के लिए एक माह तक बाहर रहेंगे | लिहाजा एक माह बाद जो भी तारीख दी जाएगी उस समय वे अपना बयान दर्ज कराएंगे | 

  गौरतलब है कि हाईकोर्ट बिलासपुर ने आरोप मुकेश गुप्ता को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए है | लेकिन जिस तरह से वो नए-नए बहाने लेकर EOW में संदेशा भेजवा रहा है ,उससे साफ है कि वो अदालत के निर्देश की आढ़ में जानबूझकर उसके खिलाफ जारी जाँच को लंबी खींचने की कवायत में जुटा है | देश में ऐसा कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है ,जहां बच्चो के दाखिले के लिए एक माह तक का वक्त लगता हो  | इसके पूर्व भी इस कुख्यात आरोपी ने अपनी बेटी की तबियत ख़राब होने का हवाला देकर EOW में अपना बयान दर्ज कराने के लिए असमर्थता जाहिर की थी | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता को जांच में सहयोग करने के अदालती निर्देश में इस तरह का कोई तथ्य शामिल नहीं है कि वो अपने किसी निजी कारणों का हवाला देकर एक माह तक की छुट्टी की मांग कर सके | फ़िलहाल आरोपी मुकेश गुप्ता के बयान दर्ज कराने को लेकर हीला हवाली करने से दोनों ही गंभीर मामलों की जांच बुरी तरह से प्रभावित हो रही है | इस जांच के प्रभावित होने से ऐसे कई कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे है , जो नागरिक आपूर्ति निगम और EOW में कार्यरत है | जांच लंबी खींचने के चलते उन्हें मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ रहा है | प्रभावित हो रहे कर्मियों में दोनों ही गंभीर मामलो के गवाह और  बेवजह जांच के दायरे में आए कर्मचारी शामिल है | उनकी दलील है कि आरोपी मुकेश गुप्ता से हो रही पूछताछ के लंबी खींचने से उन्हें रोजाना तनाव का सामना करना पड़ रहा है | 

दूसरी ओर दुर्ग जिले के भिलाई स्थित थाना सुपेला में आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज तीसरी ” चार सौ बीसी ” की FIR को लेकर विवेचना पूरी हो चुकी है | इस मामले में इस कुख्यात डीजी की अब गिरफ्तारी होना ही शेष है | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के दर्ज मामले में गिरफ्तारी को लेकर हो रही लेट-लतीफी से भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी नाराज है | उन्होंने दुर्ग रेंज के आईजी और जिले के एसपी के स्वविवेक पर मामला छोड़ दिया है | हालांकि यह खबर भी आ रही है कि इस कुख्यात आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर दो टीम गठित कर दी गई है | बहरहाल EOW में  आरोपी मुकेश गुप्ता की ओर से पेश एक माह की मोहलत वाले आवेदन पर आलाधिकारियों ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है |