EOW के शिकंजे में “तोते” की तरह बोल रहा है चिंतामणि चंद्राकर | अमन सिंह ,मुकेश गुप्ता अनिल टुटेजा और तत्कालीन खाद्य सचिव आलोक शुक्ला को भी लपेटा |

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नागरिक आपूर्ति निगम “नान” घोटले को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेही चिंतामणि चंद्राकर को आखिरकर EOW ने अपनी “गिरफ्त” में ले लिया | चंद्राकर ने एक से बढ़कर एक चौकाने वाले बयान दर्ज कराये है | उसने बताया है कि आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता ने “नान” घोटाले को रफा दफा करने के लिए कई “दस्तावेज” नष्ट करवाए थे | उसने साफतौर पर स्वीकार किया कि मुकेश गुप्ता के “MGM” ट्रस्ट में हर माह बीस से पच्चीस लाख रूपये जमा करवाए जाते थे | घोटाले की यह रकम स्वीकार करने के मामले में उसने “एस चौधरी” नामक शख्स का नाम लिया है | उसके मुताबिक “नान” घोटाले की रकम से बीजेपी के अलावा कांग्रेस के तत्कालीन कुछ विधायकों को भी “उपकृत” किया जाता  था | चिंतामणि चंद्राकर ने बताया कि “सदन” में “नान” घोटाले पर सवाल दाग कर कई “जनप्रतिनिधि” सौदेबाजी किया करते थे | रविवार को एक ओर जहाँ “नान घोटाले” के प्रमुख आरोपियों में से एक शिवशंकर भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी “टोली” को कटघरे में खड़ा किया वही चिंतामणि चंद्राकर ने भी इस मामले में कई “राज” उगले | EOW के अफसरों ने सिलसिलेवार उससे सवाल पूछे थे | कई सवालों का जवाब उसने “सिर हिलाकर” दिया | लेकिन अफसरों की फटकार के बाद चिंतामणि चंद्राकर “तोते” की तरह बोलने लगा | उसने आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और तत्कालीन खाद्य सचिव आलोक शुक्ला की घोटाले में सहभागिता को लेकर भी कई महत्वपूर्ण तथ्य स्पष्ट किये | चिंतामणि चंद्राकर ने “नान” घोटाले को उलझाने और कई दस्तावेजी प्रमाणों को नष्ट करने व “अदालत” की कार्रवाई को प्रभावित करने के “षड्यंत्र” में मुकेश गुप्ता की भूमिका को “महत्वपूर्ण” बताया है | उसने यह भी बतया कि पूर्व मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमन सिंह और मुकेश गुप्ता ने उसे किन किन तथ्यों पर ब्रीफ किया था | फिलहाल घोटाले का सच उगलवाने के मामले में EOW की टीम जोरशोर से जुटी हुई है |  

गौरतलब है कि 36 हजार करोड़ का “नान” घोटाला जब उजागर हुआ था, तब चिंतामणि चंद्राकर “नान” के रायपुर मुख्यालय में एकाउंट आफिसर के पद पर तैनात थे |  “नान” की चर्चित “लाल डायरी” में चिंतामणि का नाम “कोड वर्ड” में कई जगह “सीएम साहब” लिखा हुआ था। “सीएम साहब” को इस डेट में कितना पैसा दिया गया तो इस तारीख को इतना – यह सबकुछ दर्ज है |  घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने हाल ही में जो शपथ पत्र दिया, उसमें भी चिंतामणि का जिक्र था।  शिवशंकर भट्ट ने शपथ पत्र देकर पूर्व सीएम रमन सिंह, तत्कालीन खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले, नान के पूर्व एमडी और रिटायर आईएफएस अधिकारी कौशलेंद्र सिंह का नाम लेते हुए उन्हें नान कांड का मुख्य “षडयंत्रकारी” बताया था।

EOW की “गिरफ्त” में आने से पहले ही  चिंतामणि चंद्राकर  की वैध-अवैध “संपत्ति” से लेकर कई “राज” जांच अधिकारियों के हाथों में लग चुके थे | SIT के गठन के दौरान EOW ने  चिंतामणि चंद्राकर  के कई ठिकानों में दबिश भी दी थी | बतया जाता है कि पूछताछ के दौरान  “नान” घोटले से जुड़े कई “महत्वपूर्ण” तथ्यों को सुनकर चिंतामणि चंद्राकर की बोलती बंद हो गई थी | सूत्रों के मुताबिक EOW के अफसरों से “भरोसा” मिलने के बाद चिंतामणि चंद्राकर ने भी कई “रहस्यों” पर से भी “पर्दा” हटाया है  | उसके बयानों को EOW ने बेहद “गंभीरता” से लिया है | जानकार बताते है कि अब शिवशंकर भट्ट की तर्ज पर चिंतामणि चंद्राकर के “इकबालियां” बयानों को भी “CRPC” की धारा 164 के तहत “कलमबद्ध” किया जायेगा |