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चाँद में दाग़, रेलवे ब्यूटी पार्लर में खूबसूरत वंदे भारत ट्रेन का बिगड़ा मुखौटा सुधारने में जुटे इंजीनियर, जानवरों के खतरे से जान – माल की सुरक्षा की नई तैयारी

दिल्ली : वन्दे भारत ट्रेन के खूबसूरत और चमचमाते चेहरे पर जानवरो से टकराने से पिम्पल्स और चोट के निशान निकल आये है। उसके इंजन के सामने भाग में डेंट – पेंट होने से साफ़तौर पर चाँद में दाग नजर आ रहे है। इंजिनियर उसकी खूबसूरती कायम रखने के लिए अपने ब्यूटी पार्लर में ईलाज कर रहे है। उधर भारतीय रेलवे ने लगातार ट्रेन से कटकर हो रही जानवरों की मौत के मामले में एक बड़ा फैसला लिया है। अब इंडियन रेलवे ट्रेन की पटरियों के आस-पास फेंसिंग करने का ‘एक्सपेरिमेंट’ करने जा रही है। यह फेंसिंग उन जगहों पर लगाई जाएगी जहां पर पशुओं के ट्रेन से टकराने के ज्यादा मामले सामने आते हैं।

 सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से लेकर अब तक 2,650 से ज्यादा जानवर रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराएं हैं। बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर वन्दे भारत समेत अन्य ट्रेनों को जानवरो से बचाने का फैसला लिया गया है। जानवरो के चलते हादसों के लगातार बढ़ते आंकड़े चिंताजनक बताये जा रहे हैं। फेंसिंग का सबसे बड़ा काम उत्तर मध्य रेलवे जोन के प्रयागराज बेल्ट में किया जाएगा। 

न्यूज़ टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे ट्रैक के आसपास 1 हजार किलोमीटर तक बाउंड्री बनाई जाएगी। इस काम में 5 साल 6 महीने लगेंगे। इस मामले में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अक्टूबर महीने के पहले 9 दिनों के अंदर ही करीब 200 ट्रेनों को पशुओं से टकराकर नुकसान हुआ था। दरअसल दुर्घटनाग्रस्त इन ट्रेन्स में नई लॉन्च वंदे भारत ट्रेन के आलावा अन्य ट्रेन भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक इस वजह से इस साल 4 हजार से ज्यादा ट्रेन्स ऐसी घटनाओं से प्रभावित हुई हैं। 

रेल मंत्री वैष्णव के मुताबिक, ‘बाउंड्री बनाने के काम को लेकर हम बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल दो अलग-अलग डिजाइन्स पर गौर कर रहे हैं. हमने उन में से एक अप्रूव कर दी है जो कि एस स्टर्डी वॉल होगी। आने वाले 5 से 6 साल में हमने 1 हजार किलोमीटर लंबी बाउंड्री बनाने का फैसला लिया है. यह बाउंड्री कितना वर्क करेगी यह देखने के बाद ही हम आगे के फैसले लेंगे। 

वैष्णव ने कहा कि पारंपरिक रूप से बनाई गई बाउंड्री इस समस्या से लड़ने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगर ऐसी बाउंड्रीज बनी तो आस-पास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। रेलवे के मुताबिक 2021 से 2022 के करीब 26000 ऐसे पशुओं के टकराने के केस सामने आए हैं। 

उधर रेलवे सेफ्टी के डायरेक्टर कमिश्नर ने बताया कि, अगर ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होती है तो रेलवे ट्रैक के आसपास फेसिंग जरूर होनी चाहिए। उनके मुताबिक दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली मुंबई कोरिडोर पर बड़े स्तर पर स्पीड को लेकर काम चल रहा है जो कि पूरा होने के बाद 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेन्स चलेगी। 

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