पुरानी कहावत है हुनरमंद व्यक्ति अपनी किस्मत खुद लिखता है | यह भी कहा जाता है कि कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता! आपकी रूचि उसे कामयाबी तक पहुंचाती है | ऐसा ही एक मामला इन दिनों सुर्ख़ियों में है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संघर्षमय जीवन में चाय बेचकर कामयाबी का कदम आगे बढ़ाया था | इसके बाद कई लोगों ने चाय-पकौड़े के कारोबार में अपनी किस्मत आजमाई | छत्तीसगढ़ में तो कई लोग गोबर से अपना भाग्य चमकाने में जुटे है | इसी कड़ी में एक पेशेवर इंजीनियर ने चाय का ठेला खोलकर सुकून खोजने की कोशिश की है | इस शख्स ने कई बड़ी कंपनियों में काम किया | लेकिन ना तो उसे वह काम रास आया और ड्यूटी के दौरान मिलने वाली चाय का स्वाद , उन्हें कोई तरोताजगी दिला पाया | लिहाजा इस शख्स ने क्रांतिकारी फैसला लिया | इस पेशेवर इंजीनियर ने सुकून की तलाश में अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी | फिर अपनी मनपसंद चाय का ठेला लगा लिया | उसके इस स्टॉल में चाय का लुफ्त उठाने वालों को तांता लगा हुआ है |
देखते ही देखते इस इंजीनियर की कहानी ट्विटर ,इंस्टा और सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर सुर्खियों में बनी हुई है | छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण ने भी इस अनोखे प्रयास को ट्विटर पर शेयर किया | उन्होंने अपनी पोस्ट में इस इंजीनियर की दिल खोलकर तारीफ़ की | उन्होंने उसकी ईमानदारी और हौसलों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया | इस पोस्ट में उन्होंने लिखा: “आज के समय में इतनी ईमानदारी कहाँ दिखती है…सब कुछ साफ़ साफ़ बता दिया इन्होंने!! ‘इंजीनियर चायवाला’ with job satisfaction.😊 “
दिलचस्प बात यह है कि इंजीनियर साहब को अब अपनी मनपसंद चाय के साथ काम का सुकून भी मिल रहा है | उन्हें अपने इस पेशे से कोई शिकायत नहीं | सुकून के साथ अपने काम का मजा ही कुछ और है | कहा जा रहा है कि इस इंजिनियर का यह कदम सैकड़ों बेरोजगारों के लिए मील का पत्थर साबित होगा | क्योकि कहा जाता है कि कर्म ही पूजा है , इसलिए इंजीनियर साहब की ये दास्तान उन लोगों को प्रेरणा देगी जो रोजगार के लिए इधर-उधर हाथ पैर मार रहे है | सच भी है , सुकून भरे काम का कोई मुकाबला नहीं | यह भी गौरतलब है कि चाय के इस स्टॉल में नाश्ता भी उपलब्ध है , वो भी रियायती दरों पर |
अपने स्टॉल पर इस युवक ने साफ़-साफ़ लिखा भी है: “वैसे तो मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं. मैं कई कंपनियों जैसे विप्रो, बिज़नेस इंटेलिजेंस, ट्रस्ट सॉफ्टवेयर में काम कर चुका हूँ. जहां पैसे तो मिलते थे लेकिन सुकून नहीं। मैं हमेशा से ही बिज़नेस करना चाहता था. हर रोज़ मेरे टेबल पर चाय आती थी पर मुझे कभी बेहतरीन चाय नहीं मिली। मैं हमेशा से ही चाय का शौक़ीन रहा हूँ, मैं चाहता था कि लाजवाब चाय पीने को मिले। तो मैंने चाय से ही अपने बिज़नेस की छोटी शुरुआत की और मैं बन गया… इंजीनियर चायवाला”
इस लड़के के काम और हिम्मत को कई लोगों ने पसंद किया, ख़ास कर वो जो ख़ुद ऐसा कुछ करना चाहते थे: