नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है, और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका।
पीएम मोदी लोगों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि कोरोना के काल में हमारे कई साथी ऐसे रहे जो बीमार होकर अस्पताल गए तो लौटे ही नहीं। उन्होंने बताया कि संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। ये लोग थे हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स। हमारे कई साथी कोरोना से ग्रसित होकर अस्पताल गए तो लौटे ही नहीं। ऐसे सभी साथियों को हम सादरांजलि अर्पित करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। उन्होंने लोगों से प्रार्थना की कि आप दो डोज जरूर लगवाएं, एक डोज लगवाने के बाद भूल न जाएं, पीएम ने कहा कि पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा, इसे भी ध्यान रखें, दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी. पीएम ने कहा कि जैसा धैर्य आपने कोरोना काल में दिखाया था, वैसा ही धैर्य आप वैक्सीनेशन के समय भी दिखाएं | पीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बमारी ने लोगों को अपने घर से दूर रखा। माताएं बच्चों के लिए रो रही थीं, लेकिन वो अपने बच्चों के पास नहीं जा सकती थीं। लोग अस्पताल में भर्ती अपने घर के बुजुर्गों से मिल नहीं सकते थे, कई हमारे साथी जो इस बीमारी की चपेट में आकर हमसे दूर चले गए, ऐसे लोगों का हम अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।