संसद में इमरजेंसी की याद, शोरगुल और हंगामे के बीच स्थगित, कुर्सी संभालते ही ओम बिरला ने क्यों दी वॉर्निंग? देखिये संसद का नजारा, वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के साथ ….  

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दिल्ली: 18वीं लोकसभा का पहला दिन कांग्रेस और बीजेपी के लिए यादगार साबित हुआ है। हालांकि शोरगुल और हंगामे के बीच फ़िलहाल संसद स्थगित हो गई है, अगले पलों का इंतज़ार किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपनी पारी के शुरुवाती दौर में पहले कुछ नरम तो कुछ गरम दिखाई दिए। इससे पूर्व सत्र के दौरान आज नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हो गया है। ओम बिरला को दोबारा ध्वनिमत से लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। इस दौरान बीजेपी के सांसद गदगद दिखाई दिए। जबकि विपक्ष एक बार फिर एकजुटता दिखाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है। लेकिन संसद में मोदी का जलवा बरक़रार दिखाई दिया।

सत्ताधारी दल हो, या विपक्ष, हर एक नेता की निगाहे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर टिकी रही। इस बीच लोकसभा में जारी कार्यवाही के दौरान विपक्ष की टोका – टाकी आम सत्र की तरह नजर आई। बीजेपी समेत उसके सहयोगी दलों के नेता गर्मजोशी के साथ एक दूसरे का अभिवादन स्वीकार करते देखे गए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट के साथियों से सभी सांसदों का परिचय कराया। लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद सदन की कार्यवाही के दौरान ओम बिरला ने कहा कि मुझे इस महान सदन के पीठासीन अधिकारी के रूप में चुनने के लिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंडिमंडल समेत अन्य सांसदों का धन्यवाद देता हूं. इसी दौरान सदन में मौजूद कुछ सांसदों के बीच नोंक-झोंक देखने को मिली.

जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने शांत करने का प्रयास किया. लेकिन जब नोंक-झोंक जारी रही तो इससे नाराज होकर उन्होंने कहा कि माननीय सदस्य जब स्पीकर सीट से खड़ा हो जाता है तो संसद सदस्य बैठ जाया करें. यह मैं पहली बार कह रहा हूं मुझे पांच साल तक कहने का अवसर नहीं मिलना चाहिए.  संसद के नए हॉल में भी सरकार के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत तमाम सांसदों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट का परिचय कराया है। नए सांसदों और मंत्रियों से अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- ‘व्यवधान लोकसभा की परंपरा का हिस्सा नहीं है; मुझे उम्मीद है कि मुझे कोई सख्त कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी.’

वहीं लोकसभा में सहमति और असहमति के लिए जगह होगी; उम्मीद है कि सरकार विपक्ष के सुझावों को सुनेगी. बिरला ने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र के सिद्धांत को अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी युवा पीड़ी इस काले अध्यय के बारे में जरूर जाननी चाहिए लोगों को असीमित कष्ठ उठाना पड़ा था. भारत में इमरजेंसी के दौरान जाने कितने लोगों की मृत्यु हो गई थी कांग्रेस के इस काले अध्याय को भुलाया नहीं जा सकता है. लोकसभा स्पीकर का बयान सामने आते ही कांग्रेसी सांसद अचानक भड़क गए और हंगामा शुरू हो गया। हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए, अध्यक्ष ने कार्यवाही फ़िलहाल स्थगित कर दी है।