शर्मनाक : नहर में भटककर पहुंची डॉल्फिन, लोगों ने ‘घातक मछली’ समझकर उतारा मौत के घाट, राष्ट्रीय जलीय जीव की ली जान, वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर भेजा पोस्टमार्टम के लिए, वीडियो वायरल होने के बाद तीन गिरफ्तार, जाँच में जुटी पुलिस, देखे वीडियो

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प्रतापगढ़/ यूपी के प्रतापगढ़ जिले में शारदा सहायक नहर में एक डॉल्फिन की मौत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नहर में भटककर पहुंची डॉल्फिन को कथित तौर पर स्थानीय लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला, जिन्होंने गलती से इसे घातक मछली समझ लिया था। मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना 1 जनवरी को हुई थी | स्थानीय पुलिस और वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए थे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था | हालांकि, इस मामले को तब तक छिपा कर रखा गया जब तक कि शुक्रवार को वीडियो क्लिप वायरल नहीं हो गई, जब किसी ने स्थानीय लोगों द्वारा डॉल्फिन को पीट-पीटकर मारने वाला वीडियो पोस्ट कर दिया |   
इस बीच, एक स्थानीय सूत्र ने कहा कि नहर का वाटर गेट बंद कर दिया गया था और जल स्तर घट गया था |

 सूत्र ने कहा, “नए साल की सुबह, स्थानीय लोगों ने डॉल्फिन को पानी में देखा | कुछ लोगों ने कहा कि यह एक ‘घातक और जहरीली मछली’ है, जबकि अन्य ने कहा कि यह उन लोगों को मार सकती है जो इसके पास जाएंगे |मौके पर भारी भीड़ एकत्र हुई | लोगों ने फैसला किया कि इसे जाने देना खतरनाक होगा | भीड़ ने डॉल्फिन को पीटना शुरू कर दिया और कुछ ने कुल्हाड़ी से भी प्रहार किया | वन अधिकारियों ने कहा कि यह सत्यापित किया जाना बाकी है कि क्या यह वास्तव में डॉल्फिन है |स्थानीय पुलिस ने कहा कि वन अधिकारी सवालों का जवाब बेहतर दे सकेंगे |   

बता दें कि केंद्र सरकार ने डॉल्‍फिन को 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में लाया था। डॉल्फिन स्तनधारी और नेत्रहीन जलीय जीव होती है। इसे सन ऑफ रिवर भी कहा जाता है। 5 अक्टूबर 2009 को गंगेटिक डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था। गंगा नदी जल प्रणाली जलीय जीवन की एक विशाल विविधता का आवास स्थल है। इन जलीय जीवों में गंगा डॉल्फिन भी शामिल है। गंगा डॉल्फिन विश्व भर की नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन की 5 प्रजातियों में से एक है। यह प्रजाती मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप खासतौर पर गंगा-ब्रह्मपुत्र-सिंधु-मेघना और कर्णाफुली-सांगू नदी में पाई जाती हैं। वहीं भारत के राज्यों की बात करें तो यह असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में पाई जाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट डॉल्फिन को लॉन्च करने की योजना की घोषणा बीते स्वतंत्रता दिवस पर की थी। इस प्रोजेक्ट डॉल्फिन को प्रोजेक्ट टाइगर की तर्ज पर लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि प्रोजेक्ट डॉल्फिन को मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में मंजूरी मिली चुकी है। इसके अलावा अब तक नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा जो कि सरकार की प्रमुख योजना नमामि गंगे को लागू करता है ने भी डॉल्फिन को बचाने के लिए कई पहल की है।

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