
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से जुड़ी प्रक्रियाओं में बड़ा बदलाव करते हुए नया नियम लागू किया है। इसके तहत अब ऑनलाइन वोटर लिस्ट में कोई भी सेवा—जैसे नाम जोड़ना, हटाना या सुधार करना—के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य होगा। आयोग का कहना है कि यह कदम वोटर लिस्ट को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि फर्जी प्रविष्टियों और गलत जानकारी पर रोक लग सके।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में बड़े पैमाने पर वोटर डिलीशन का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, अलंद विधानसभा सीट से 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए गए और यह कोई साधारण गलती नहीं बल्कि संगठित साजिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में इस मामले से जुड़े और बड़े खुलासे किए जाएंगे।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. अंबुकुमार ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 में अलंद विधानसभा क्षेत्र से 6,018 मतदाताओं को हटाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म-7 आवेदन आए थे। जांच में केवल 24 आवेदन सही पाए गए और 5,994 आवेदन फर्जी पाए गए, जिन्हें रद्द कर दिया गया। इस पूरे मामले में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
अब नया नियम लागू होने के बाद सवाल यह उठता है कि क्या आधार लिंक मोबाइल नंबर से मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी या फिर यह निर्णय राजनीतिक विवादों में उलझ जाएगा। आने वाले दिनों में इसके प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आएंगे।