चुनाव आयोग ने दी सार्वजनिक प्रतिक्रिया
दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के आरोपों का खुलकर जवाब दिया। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद विपक्षी नेताओं ने आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने और मतदाताओं का अधिकार छीने जाने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बीच आयोग ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
राहुल गांधी के आरोपों पर आयोग की नाराज़गी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में आयोग पर लोकसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और मतदाता हेरफेर का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर भाजपा को लाभ पहुंचाया गया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“‘वोट चोरी’ जैसे शब्द न सिर्फ भ्रामक हैं, बल्कि संविधान का अपमान भी हैं।”
तेजस्वी यादव के आरोपों पर सफाई
तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया को लेकर दावा किया था कि इसे बहाना बनाकर आम लोगों का मतदान अधिकार छीना जा रहा है और बिहार में लाखों लोगों के नाम काटे जा रहे हैं।
इस पर CEC ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि:
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है।
- इसका मकसद किसी को वंचित करना नहीं, बल्कि हर योग्य व्यक्ति को शामिल करना है।
चुनाव आयोग के लिए सभी बराबर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग की नजर में हर पार्टी बराबर है।
- संविधान के तहत हर 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने और मतदान करने का अधिकार है।
- आयोग का काम केवल यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित न हो।
गलत जानकारी फैलाने वालों पर चेतावनी
चुनाव आयोग ने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता जानबूझकर मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं।
CEC ने अपील की कि राजनीतिक दल मतदाता सूचियों से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर न पेश करें।
इससे लोकतंत्र में भ्रम और अविश्वास का माहौल बनता है।
