उद्धव ठाकरे या एकनाथ शिंदे, किसकी होगी शिवसेना? चुनाव आयोग ने दिया ये निर्देश

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शिवसेना के दो गुट, उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट चुनाव चिन्ह को लेकर एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट दोनों को निर्देश दिया है कि शिवसेना के दोनों गुटों से पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज जमा कराने होंगे. दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख 8 अगस्त है.

उद्धव-शिंदे दोनों गुटों को जमा करने होंगे दस्तावेज

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, उद्धव और शिंदे की अगुवाई वाले दोनों गुटों से दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है. इनमें शिवसेना पार्टी की विधायी और संगठनात्मक यूनिट से समर्थन का पत्र और विरोधी पक्षों के लिखित बयान शामिल हैं.

‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न लेना चाहते हैं दोनों गुट

बता दें कि इसी हफ्ते शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न उसे देने की मांग की थी. एकनाथ शिंदे गुट ने इसके लिए महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा में उसे मिली मान्यता का हवाला दिया था.

महाराष्ट्र सरकार से बगावत

जान लें कि कि शिवसेना पिछले महीने तब दो गुटों में बंट गई थी, जब उसके 2/3 से ज्यादा विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से बगावत कर दी थी और एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था.

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मदद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद बीते मंगलवार को लोकसभा में शिवसेना के 18 में से कम से कम 12 सांसदों ने सदन के नेता के रूप में राहुल शेवाले का नाम घोषित किया था और विनायक राउत के प्रति अविश्वास जताया था. लोकसभा अध्यक्ष ने उसी दिन राहुल शेवाले को नेता के तौर पर मंजूरी दे दी थी.